[vc_row][vc_column][vc_column_text][addtoany][/vc_column_text][/vc_column][/vc_row][vc_row css=”.vc_custom_1508915773814{background-color: #fffcb5 !important;}”][vc_column][vc_custom_heading text=”मंडी” font_container=”tag:h2|text_align:center” use_theme_fonts=”yes”][vc_column_text]पृष्ठभूमि :-
मंडी विधानसभा, मंडी जिले में मंडी लोकसभा के अंतर्गत आने वाली सीट है. मंडी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सीट संख्या 33 है. मंडी जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है. मंडी का नाम मांडव ऋषि के नाम पर रखा गया. ऐसा कहा जाता है उन्होंने ही इस स्थापित किया. मंडी में मंदिरों की संख्या बहुत ज्यादा है. इसे पहाड़ों में छोटा वाराणसी के नाम से जाना जाता है. 2012 में इस क्षेत्र में कुल 64,741 मतदाता थे. जिनकी संख्या बढकर 68,700 हो गयी है. 2012 के विधानसभा चुनाव में अनिल कुमार इस क्षेत्र के विधायक चुने गए.[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column width=”1/3″][vc_custom_heading text=”विधानसभा : संक्षिप्त जानकारी” font_container=”tag:h3|text_align:left” use_theme_fonts=”yes”][vc_column_text]
विधानसभा सं. | 33 |
---|---|
सीट | सामान्य |
सीट की प्रकृति | शहरी |
प्रमुख बोलियां | सरकारी भाषा हिंदी है किन्तु यहाँ के लोग संचार के लिए हिंदी और पहाड़ी भाषा का भी इस्तेमाल करते हैं। |
[/vc_column_text][/vc_column][vc_column width=”1/2″][vc_custom_heading text=”पिछले चुनावों में विधानसभा की स्थिति” font_container=”tag:h3|text_align:left” use_theme_fonts=”yes”][vc_row_inner][vc_column_inner][vc_column_text]
विधानसभा | चुनाव/साल | 2012 विधानसभा | ||
मंडी | पार्टी | कांग्रेस | भाजपा | अन्य |
वोट प्रतिशत | 42.92% | 34.83% | 22.25% |
[/vc_column_text][/vc_column_inner][/vc_row_inner][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column][vc_custom_heading text=”मंडी से अभी तक चुने गये विधायक”][vc_column_text]
विधायक | पार्टी | वर्ष |
अनिल कुमार | कांग्रेस | 2012 |
अनिल कुमार | कांग्रेस | 2007 |
सुखराम | हिमाचल विकास कांग्रेस | 2003 |
सुखराम | हिमाचल विकास कांग्रेस | 1998 |
अनिल शर्मा | कांग्रेस | 1993 |
कन्हैया लाल | भाजपा | 1990 |
दुर्गा दत्त | कांग्रेस | 1985 |
सुख राम | कांग्रेस | 1982 |
सुख राम | कांग्रेस | 1977 |
[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column][vc_custom_heading text=”2012 विधानसभा चुनाव” font_container=”tag:h5|text_align:left”][vc_column_text]
उम्मीदवार | पार्टी | कुल मत |
अनिल कुमार | कांग्रेस | 20866 |
दुर्गा दत्ता | बीजेपी | 16936 |
श्याम लाल | निर्दलीय | 3370 |
हरीश कुमार | एच.एल.पी. | 2098 |
कृष्ण सिंह | एल.जे.पी. | 2081 |
देश राज | सी.पी. आई. | 1468 |
[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column][vc_custom_heading text=”मतदाताओं की संख्या” font_container=”tag:h3|text_align:left” use_theme_fonts=”yes”][vc_column_text]
विधानसभा (2017) | आम निर्वाचक | अप्रवासी भारतीय निर्वाचक | |||||||
स.न. | नाम | पुरुष | महिला | अन्य | कुल | पुरुष | महिला | समस्त योग (6+7+8) | |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | |
1 | मंडी | 33636 | 35064 | 0 | 68700 | 0 | 0 | 68700 |
[/vc_column_text][vc_separator][vc_column_text]
विधानसभा (2012) | आम चुनाव | अप्रवासी भारतीय | सर्विस एलेक्टोर्स | ||||||||||
स.न. | नाम | पुरुष | महिला | अन्य | कुल | पु. | म. | अन्य | कुल | पु. | म. | कुल | समस्त |
योग (6+10+13) | |||||||||||||
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 |
1 | मंडी | 31898 | 31638 | 0 | 63536 | 0 | 0 | 0 | 0 | 937 | 268 | 1205 | 64741 |
[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column width=”1/2″][vc_column_text]
पंडित सुखराम को यहाँ का प्रमुख नेता कहा जा सकता है. जो पुराने समय में कांग्रेस के नेता रहे और केंद्र में मंत्री रहे. उन्ही के पुत्र अनिल शर्मा है जो यहाँ से वर्तमान विधायक हैं और वीरभद्र सरकार में पंचायती राज्य मंत्री रहे अपने पिता की विरासत संभाल रहे हैं और अब कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जा चुके हैं और इस बार भाजपा से चुनाव से चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने यहाँ से कौल सिंह ठाकुर की बेटी चंपा ठाकुर को यहाँ से अपना उम्मीदवार बनाया है.
उम्मीदवार 2017
विधानसभा में सम्भावित प्रत्याशी / उम्मीदवार | ||||
प्रमुखनेता | भाजपा | कांग्रेस | अन्य | |
1. | अनिल शर्मा | चंपा ठाकुर | लवन कुमार | |
2. | देशराज शर्मा | |||
3. | नरेंद्र कुमार दूनी चंद |
[/vc_column_text][vc_column_text]वर्तमान स्थिति :
इस सीट को पंडित सुखराम और उनके परिवार की सीट कही जा सकती है जिस पर उनका प्रभाव है. पंडित सुखराम ने जब कांग्रेस छोड़कर हिमाचल विकास कांग्रेस बनाई थी तब भी इस सीट से वह चुनाव जीतते रहे थे. उनके पुत्र अनिल शर्मा 2007 से यहाँ चुनाव जीत रहे हैं इससे पहले 1993 में वह चुनाव जीते थे. अब अनिल शर्मा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जा चुके हैं. 2012 में अनिल शर्मा यह सीट दुर्गा दत्त से लगभग चार हज़ार मतों से जीतने में सफल रहे. लेकिन अब मुकाबला कांटें का माना जा रहा है क्योंकि कांग्रेस के दिग्गज नेता कौल सिंह ठाकुर की बेटी चंपा ठाकुर यहाँ से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं जाहिर है कौल सिंह पूरा जोर लगाकर यह चुनाव जितवाना चाहेंगें.[/vc_column_text][vc_single_image image=”23084″ img_size=”full”][vc_separator][vc_column_text]बूथों की संख्या : 104[/vc_column_text][/vc_column][vc_column width=”1/2″ css=”.vc_custom_1508918344567{padding-top: 20px !important;padding-left: 20px !important;background-color: #ffe8c6 !important;}”][vc_round_chart type=”doughnut” stroke_width=”0″ values=”%5B%7B%22title%22%3A%22%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%81%E0%A4%B7%22%2C%22value%22%3A%2229899%22%2C%22color%22%3A%22vista-blue%22%2C%22custom_color%22%3A%22%23f79468%22%7D%2C%7B%22title%22%3A%22%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE%22%2C%22value%22%3A%2226397%22%2C%22color%22%3A%22violet%22%2C%22custom_color%22%3A%22%23f7be68%22%7D%5D” title=”पिछली विधानसभा में महिला पुरुष के मतों का %”][vc_round_chart type=”doughnut” stroke_width=”0″ values=”%5B%7B%22title%22%3A%22%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B8%20%22%2C%22value%22%3A%2246.70%25%22%2C%22color%22%3A%22blue%22%7D%2C%7B%22title%22%3A%22%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%AA%E0%A4%BE%20%22%2C%22value%22%3A%2219.43%25%22%2C%22color%22%3A%22pink%22%7D%2C%7B%22title%22%3A%22%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%AF%22%2C%22value%22%3A%2233.87%25%22%2C%22color%22%3A%22vista-blue%22%2C%22custom_color%22%3A%22%235472d2%22%7D%5D” title=”पिछली विधानसभा में पार्टियों की स्थिति “][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column][vc_column_text]
प्रमुख मुद्दे
आपकी विधान सभा की प्रमुख समस्यायें | आपकी विधानसभा के लोगों के सपनें (माँगें / उम्मीदें) | |
1. | मंडी शहर वासियों को दो समय पानी मिलता था, लेकिन अब सिर्फ एक समय ही मिलता है। 24 घंटे पानी की योजना बनाई जा रही है लेकिन उसका काम अभी चला हुआ है. बन्दरों, अवारा पशुओं एवं जंगली सूअरों ने किसानों के खेत पूरी तरह तबाह कर दिये हैं। दिन में किसान अपनी फसल की रखवाली करने की कोशिश करते हैं लेकिन रात में ऐसा कर पाना संभव नहीं है. अंधेरे में जंगली सूअर झुण्डों में आकर खेतों पर झुण्ड में हमला करते हैं और पूरी फसल नष्ट कर देते हैं. | मंडी शहर के लोग यहां के लिए रेल और हवाई सेवाओं का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन यह मांग केंद्र और राज्य सरकारों के आपसी सहयोग से ही पूरी होगी। दोनों जगह विपक्षी दलों की सरकारें होने के कारण यह योजना सिरे नहीं चढ़ रही है. |
2. | शहर की सड़कों की हालत काफी खस्ता है. लोगों को बेहतर सड़क सुविधा नहीं मिल रही है. कुछ गांव ऐसे हैं जहां अभी सड़क के पहुंचने का इंतजार है. | मंडी को सांस्कृतिक राजधानी का दर्जा देने की मांग उठी लेकिन सरकार ने सुनवाई नहीं की. |
3. | स्वास्थ्य संस्थानों और अन्य सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की कमी. | ग्रामीण इलाकों के लोग परिवहन सुविधा की मांग कर रहे हैं. अधिक बसें चलाई जाएं क्योंकि आबादी बढ़ रही है और बसों की संख्या कम हो रही है. |
4. | सीएम वीरभद्र सिंह द्वारा विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास करने के बाद भी काम आज दिन तक शुरू नहीं हो सका. मंडी शहर में दो पार्किंग और शापिंग कॉम्प्लेक्स की आधारशिला रखी है लेकिन आज दिन तक बन नहीं सकी. | मंडी शहर में एक रेहड़ी मार्किट की मांग उठी है. उसके लिए जहां पर जमीन का चयन किया गया है उसे रेहड़ी वालों ने नकार दिया है. शहर में रेहड़ी मार्किट के लिए स्थान चाह रहे हैं. |
5. | मंडी के अंतरराजीय बस स्टैंड के दूसरे तल का कार्य आज दिन तक शुरू नहीं हो सका। | पेजयल और सिंचाई के लिए पानी की उचित व्यवस्था नहीं है। |
6. | मंडी को सांस्कृतिक राजधानी का दर्जा देने की मांग उठी लेकिन सरकार ने सुनवाई नहीं की. | किसानों को जहां मौसम के अचानक बदलाव से परेशानी का सामना करना पड़ता है वहीं बची फसल को जंगली जानवर अपना भोजन बना लेते है. |
7. | ब्यास-सतलुज परियोजना ने पड़ोसी राज्य पंजाब में हरित क्रांति का सूत्रपात कर पिछले तीन दशक में खुशहाली की इबारत लिखी है. लेकिन यह परियोजना मंडी जिला के किसानों के लिए अभिशाप बन गई है. परियोजना के सुंदरनगर जलाशय से निकलने वाली सिल्ट (गाद) तीन दशक में सुंदरनगर, नाचन व मंडी विधानसभा क्षेत्र की सोना उगलने वाली 12,000 बीघा उपजाऊ भूमि को लील चुकी है. रबी व खरीफ फसल के समय सिल्ट प्रभावित किसानों को नाममात्र मुआवजा देकर बीबीएमबी प्रबंधन अपनी जिम्मेवारी से पल्लू झाड़ता आया है. | दस सालों से जिले के किसान अफीम की खेती का लाइसेंस राजस्थान की तर्ज पर चाह रहे हैंदोनों दलों के नेताओं ने इसका वादा किया लेकिन वह सिर्फ वादा ही रह गया है |
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