[vc_row][vc_column][vc_column_text][addtoany][/vc_column_text][/vc_column][/vc_row][vc_row css=”.vc_custom_1508915773814{background-color: #fffcb5 !important;}”][vc_column][vc_custom_heading text=”शाहपुर ” font_container=”tag:h2|text_align:center” use_theme_fonts=”yes”][vc_column_text]पृष्ठभूमि :-
शाहपुर विधानसभा कांगड़ा जिले में कांगड़ा लोकसभा की सीट है. यह हिमाचल विधानसभा की सीट संख्या 17 है. यह विधानसभा इसलिए महत्वपूर्ण है कि कांगड़ा हवाई अड्डा शाहपुर के अंतर्गत ही आता है और पर्यटन के एक केंद्र के बतौर यह उभर रहा है. राजनीतिक रूप से यह सीट पिछली दो विधानसभा सेर भाजपा के कब्जे में है जहां से सरवीण चौधरी विधायक हैं. 2012 के विधानसभा में यहाँ कुल 72,593 मतदाता थे. जिनकी संख्या बढकर 2017 में 79,430 हो गयी है.[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column width=”1/3″][vc_custom_heading text=”विधानसभा : संक्षिप्त जानकारी” font_container=”tag:h3|text_align:left” use_theme_fonts=”yes”][vc_column_text]
विधानसभा सं. | 17 |
---|---|
लोकसभा | कांगड़ा |
सीट | सामान्य |
सीट की प्रकृति | ग्रामीण |
प्रमुख बोलियां | शाहपुर की सरकारी भाषा हिंदी है किन्तु यहाँ के स्थानीय लोग संचार के लिए कांगड़ी भाषा का इस्तेमाल करते हैं. जो कि बहुत हद तक डोगरी के सामान ही है . |
[/vc_column_text][/vc_column][vc_column width=”1/2″][vc_custom_heading text=”पिछले चुनावों में विधानसभा की स्थिति” font_container=”tag:h3|text_align:left” use_theme_fonts=”yes”][vc_row_inner][vc_column_inner][vc_column_text]
विधानसभा | चुनाव/साल | 2012 विधानसभा | ||
शाहपुर | पार्टी | कांग्रेस | भाजपा | अन्य |
वोट प्रतिशत | 42.38% | 48.29% | 9.33% |
[/vc_column_text][/vc_column_inner][/vc_row_inner][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column][vc_custom_heading text=”मतदाताओं की संख्या” font_container=”tag:h3|text_align:left” use_theme_fonts=”yes”][vc_column_text]
विधानसभा (2017) | आम निर्वाचक | अप्रवासी भारतीय निर्वाचक | |||||||
स.न. | नाम | पुरुष | महिला | अन्य | कुल | पुरुष | महिला | समस्त
योग (6+7+8) |
|
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | |
1 | शाहपुर | 40387 | 39043 | 0 | 79430 | 0 | 0 | 79430 |
[/vc_column_text][vc_separator][vc_separator][vc_column_text]
विधानसभा
(2012) |
आम निर्वाचक | अप्रवासी भारतीय | सर्विस एलेक्टोर्स | ||||||||||
स.न. | नाम | पुरुष | महिला | अन्य | कुल | पु. | म. | अन्य | कुल | पु. | म. | कुल | समस्त |
योग (6+10+13) | |||||||||||||
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 |
1 | शाहपुर | 35358 | 33960 | 0 | 69318 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1409 | 703 | 2112 | 71430 |
[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column width=”1/2″][vc_column_text]
प्रमुख नेता की अगर बात कहें तो यहाँ सरवीण चौधरी और मेजर विजय सिंह मनकोटिया दो प्रमुख राजनीतिक व्यक्तित्व हैं जिनके बीच हमेशा मुकाबला होता रहा है. सरवीण चौधरी किसी राजनीतिक परिवार से नहीं आतीं वह खुद ही राजनीति में शामिल हुईं 1998 में चुनाव जीतने में सफल रहीं. इस विधासभा के दुसरे बड़े नेता मेजर विजय सिंह मनकोटिया हैं जिन्होंने अपना राजनीतिक जीवन कांग्रेस से शुरू किया और विधायक बने फिर जनता दल की लहर में जनता दल में शामिल हुए और विधायक चुने गए. जनता दल के ख़त्म होने के बाद यह फिर कांग्रेस में शामिल हुए और विधायक बने. इस लिहाज से मेजर मनकोटिया इस विधान सभा के पुराने नेता हैं. इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला है और कांग्रेस ने उनकी जगह वन निगम के उपाध्यक्ष केवल पठानिया को मैदान में उतारा है लेकिन विजय मनकोटिया ने बगावत करते हुए स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में परचा दाखिल किया है.
उम्मीदवार 2017
विधानसभा में प्रत्याशी / उम्मीदवार | ||||
प्रमुखनेता | भाजपा | कांग्रेस | अन्य | |
1. | सरवीन चौधरी | केवल पठानिया | विजय मनकोटिया | |
2. | बंशी डोंगरा | |||
3. | रमेश | |||
4. | विपिन | |||
5. | देशराज ठाकुर |
[/vc_column_text][/vc_column][vc_column width=”1/2″ css=”.vc_custom_1508918344567{padding-top: 20px !important;padding-left: 20px !important;background-color: #ffe8c6 !important;}”][vc_round_chart type=”doughnut” stroke_width=”0″ values=”%5B%7B%22title%22%3A%22%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%81%E0%A4%B7%22%2C%22value%22%3A%2229899%22%2C%22color%22%3A%22vista-blue%22%2C%22custom_color%22%3A%22%23f79468%22%7D%2C%7B%22title%22%3A%22%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE%22%2C%22value%22%3A%2226397%22%2C%22color%22%3A%22violet%22%2C%22custom_color%22%3A%22%23f7be68%22%7D%5D” title=”पिछली विधानसभा में महिला पुरुष के मतों का %”][vc_round_chart type=”doughnut” stroke_width=”0″ values=”%5B%7B%22title%22%3A%22%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B8%20%22%2C%22value%22%3A%2246.70%25%22%2C%22color%22%3A%22blue%22%7D%2C%7B%22title%22%3A%22%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%AA%E0%A4%BE%20%22%2C%22value%22%3A%2219.43%25%22%2C%22color%22%3A%22pink%22%7D%2C%7B%22title%22%3A%22%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%AF%22%2C%22value%22%3A%2233.87%25%22%2C%22color%22%3A%22vista-blue%22%2C%22custom_color%22%3A%22%235472d2%22%7D%5D” title=”पिछली विधानसभा में पार्टियों की स्थिति “][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column][vc_custom_heading text=”वर्तमान स्थिति :”][vc_column_text]इस बार सरवीण चौधरी के लिए यह चुनाव आसान नहीं होने जा रहा क्योंकि उनके खिलाफ उनके ही दल और बाहर के लोग भी प्रदर्शन करते रहे हैं. वहीँ मनकोटिया के भी वीरभद्र से सम्बन्ध ठीक नहीं चल रहे थे फिलहाल विजय सिंह का टिकट काटते हुए यह टिकट केवल पठानिया को दिया गया है. विजय सिंह वीरभद्र के खिलाफ काफी बयान दे चुके थे. केवल पठानिया सक्रीय रहे हैं और संगठन पर पकड़ दिखाई देती है. लेकिन विजय सिंह मनकोटिया के बगावत कर देने से यह लड़ाई त्रिकोणीय हो गयी है जहाँ कांग्रेस के मतों का विभाजन तय माना जा रहा है. ऐसे में यह लड़ाई के बार फिर सरवीण जीत जाती हैं तो कोई आश्चर्य नहीं. यह विधानसभा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के दबदबे की सीट है. यदि इन दोनों समूहों के मतों को मिला दिया जाय तो पचास प्रतिशत से ज्यादा है. राजपूत और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है. ऐसा कहा जाता है कि यदि ब्राह्मण और राजपूत मतदाता मिलकर जिसे वोट करते हैं तो वो जीतता हैं.[/vc_column_text][vc_single_image image=”23084″ img_size=”full”][vc_separator][vc_custom_heading text=”बूथों की संख्या: 111″ font_container=”tag:h4|text_align:left”][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column][vc_column_text]प्रमुख मुद्दे
आपकी विधान सभा की प्रमुख समस्यायें | आपकी विधानसभा के लोगों के सपनें (माँगें / उम्मीदें) | |
1. | 250 से कम की जनसंख्या वाले गांवों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत लाया जाय ताकि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत छोटी बस्तियों तक सड़क सुविधा प्रदान की जा सके. | जितने भी लावारिस पशु कांगड़ा जिले में घूम रहे हैं. उन्हें जल्द से जल्द गौ सदन में रखा जाएगा ताकि किसानों को इस गंभीर समस्या से निजात मिल सके. आवारा पशु, जंगली जानवर व बंदरों के आंतक से किसानों को निजात मिल जाये तो किसानों की आमदन में खासा इजाफा होगा |
2. | किसानों को गेहूं-धान फसलों के साथ-साथ दलहनी फसलों के उत्पादन पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता है. फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए उन्नत किस्म के बीज के साथ नई तकनीक को अपनाने प्रदेश सरकार उपलब्ध करवाए. | कांगड़ा जिले में अनाज मंडी को खोलने की मांग लम्बे समय से बनी हुई है.पंद्रह विधानसभाओं वाला यह जिला जिसकी आय का मुख्य स्रोत पैदावार है वहां अनाज मंडी का न होना आश्चर्य में डालता है. |
2. | प्रदेश की सबसे बड़ी सिंचाई योजना शाहनहर के पानी को लेकर किसानों को समस्याएं पेश आ रही हैं किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं दिया जाता है. शाहनहर का समझौता हुआ था तो उसमें साफ लिखा है कि हर किसान को भरपूर मात्रा में पानी मिलना चाहिए. | हेल्थ कमीशन ने कांगड़ा को आदर्श स्वास्थ्य जिला बनाने और ट्रामा सेंटर बनाने की सिफारिश की थी न ही आदर्श ही बन सका न ही ट्रामा सेंटर खुल सका. सभी सुविधाओं से युक्त ट्रामा सेंटर यदि नेशनल हाईवे के किनारे स्थापित हो जाएं तो सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल लोगों की जान बचाई जा सकती है. आयोग ने अपनी सिफारिशों में टिप्पणी की थी कि हिमाचल में एक भी स्वास्थ्य संस्थान भारतीय पब्लिक स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप नहीं है |
4. | अवैज्ञानिक खनन से केवल पर्यावरण को हो नुकसान नहीं हो रहा बल्कि नदियों व खड्डों के रास्ता बदलने से उपजाऊ भूमि भी बह रही है. कई स्थानों पर पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिससे लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है. कांगड़ा समेत पहाड़ी इलाकों में सिंचाई में अहम योगदान देने वाली कूहलों में जलस्तर कम हो रहा है. कूहलों में पानी घटने से लोगों को नुकसान झेलना पड़ रहा है, विशेषकर सब्जी उत्पादकों को. |
[/vc_column_text][vc_column_text][addtoany][/vc_column_text][/vc_column][/vc_row][vc_row full_width=”stretch_row_content_no_spaces” css=”.vc_custom_1508916373278{margin-bottom: -40px !important;padding-top: 100px !important;padding-right: 100px !important;padding-bottom: 100px !important;padding-left: 100px !important;background-image: url(https://www.panchayattimes.com/wp-content/uploads/2017/10/footer.png?id=23076) !important;background-position: center !important;background-repeat: no-repeat !important;background-size: contain !important;}”][vc_column][vc_column_text][/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]