नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 130वें संशोधन विधेयक 2025 का बचाव किया, जिसके तहत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री, जो किसी गंभीर अपराध में 30 दिनों तक जेल में रहेंगे, उन्हें अपने पद से इस्तीफ़ा देना होगा। शाह ने कहा कि यह नया संशोधन छोटे-मोटे आरोपों पर लागू नहीं होगा और इसका उद्देश्य केवल गंभीर अपराधों से जुड़े मामलों को नियंत्रित करना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत का जनप्रतिनिधित्व अधिनियम पहले से ही ऐसे मामलों में प्रावधान देता है, और दो साल या उससे अधिक सज़ा पाए किसी प्रतिनिधि की सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है।
अमित शाह ने कही ये बात
शाह ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का हवाला दिया, जिनकी शराब नीति मामले में गिरफ़्तारी हुई थी। शाह ने कहा कि यदि यह विधेयक उस समय लागू होता, तो केजरीवाल को अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ता। हालांकि, गिरफ़्तारी के बाद जनता के विरोध प्रदर्शन और नैतिक दबाव के चलते उन्होंने इस्तीफ़ा दिया।
विपक्षी दलों द्वारा जेपीसी (Joint Parliamentary Committee) का बहिष्कार करने पर अमित शाह ने कहा कि मौजूदा सदस्य अपना काम जारी रखेंगे और देश की जनता सब देख रही है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष को अपनी बात रखने का अवसर दिया गया है, लेकिन अगर वे इसका फ़ायदा नहीं उठाना चाहते, तो यह उनके ऊपर निर्भर है। शाह ने जोर देकर कहा कि देश के प्रशासन और कामकाज को विपक्ष के बहिष्कार से नहीं रोका जा सकता।