नई दिल्ली. टीपू सुल्तान की आज 267 वीं जयंती मनाई जा रही है. इस मौके पर कर्नाटक सरकार ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये हैं. इसके साथ ही संवेदनशील स्थानों पर अधिक संख्या में पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे. वहीं पुलिस की माने तो राज्य सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम को छोड़कर जुलूस निकालने की इजाजत नहीं दी है.
बेंगलुरू के पुलिस सुनील कुमार का कहना है कि ‘‘हम किसी जुलूस के लिए कोई अनुमति नहीं दे रहे है चाहे वह टीपू जयंती के पक्ष में हो या फिर खिलाफ में. सरकार शहर के विभिन्न हिस्सों में कार्यक्रम आयोजित कर रही है जिसके लिए हमने पर्याप्त प्रबंध किये हैं.’’ कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस (केएसआरपी) की 30 टुकड़ियों और 25 सशस्त्र दलों के अलावा शहर पुलिस के पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को तैनात किया जायेगा. कुमार ने कहा, ‘‘पूरे शहर में 11 हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात होंगे. इसके अलावा हम होमगार्ड के जवानों को भी तैनात करेंगे.’’
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा तय किये गये स्थानों पर ही समारोहों का आयोजन होगा और जो भी अशांति पैदा करने की कोशिश करेंगे उनके खिलाफ पुलिस सख्ती से निपटा जायेगा. कुमार ने कहा, ‘‘हमने अब तक एहतियातन किसी को गिरफ्तार नहीं किया है लेकिन यदि कोई अप्रिय स्थिति पैदा होती है तो धारा 144 लगायी जा सकती है.’’
ये थे टीपू सुल्तान
टीपू सुल्तान मैसूर कॆ सबसॆ महान शासक थे. टीपू सुल्तान का जन्म 10 नवम्बर 1750 को कर्नाटक के देवनाहल्ली में हुआ था. उनका पूरा नाम सुल्तान फतेह अली खान शाहाब था. उनके पिता हैदर अली मैसूर साम्राज्य के सेनापति थे. जो अपनी ताकत से 1761 मे मैसूर साम्राज्य के शासक बने. टीपू को मैसूर के शेर के रूप में जाना जाता है. योग्य शासक के अलावा टीपू एक विद्वान, कुशल योग्य सेनापति और कवि भी थे. टीपू सुल्तान ने हिंदू मन्दिरों को तोहफे पेश किए.