नई दिल्ली: विपक्षी सांसदों के निलंबन की कड़ी में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के चलते 49 और सांसदों को निलंबित कर दिया. इससे इस सत्र में निलंबित सांसदों की कुल संख्या 141 हो गई है, जो निलंबन के मामले में अब तक की सबसे अधिक संख्या है.
आज सस्पेंड होने वाले सांसद
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस नेता शशि थरूर और कार्ति चिदंबरम, एनसीपी की सुप्रिया सुले और समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव, मनीष तिवारी, चंद्रशेखर प्रसाद, कार्ति चिदंबरम, एसटी हसन, दानिश अली, माला रॉय, राजीव रंजन सिंह, संतोष कुमार, प्रतिभा सिंह, मोहम्मद सादिक, जगबीर सिंह गिल, महाबली सिंह, एमके विष्णु प्रसाद, गुरजीत सिंह औजला, फजलुर रहमान, रवनीत सिंह बिट्टू, दिनेश यादव, के सुधाकरन, सुशील कुमार रिंकू उन सांसदों में शामिल हैं, जिन्हें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज कार्यवाही बाधित करने के लिए निलंबित कर दिया है.
कांग्रेस ने किया ट्वीट
विधेयकों को बिना किसी सार्थक बहस के पारित किया जा सके: जयराम रमेश
कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने सांसदों को संसद से निलंबित किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आज अकेले लोकसभा से कम से कम 50 और भारतीय सांसदों को निलंबित कर दिया गया. पूर्ण सफाया किया जा रहा है ताकि कठोर विधेयकों को बिना किसी सार्थक बहस के पारित किया जा सके, और ताकि 13 दिसंबर को लोकसभा में दो घुसपैठियों के प्रवेश की सुविधा प्रदान करने वाले बीजेपी सांसद बेदाग हो जाएं. नई संसद नमोक्रेसी को उसके सभी अत्याचारों में दर्शाती है.”
AAP के राघव चड्ढा ने किया ट्वीट
“यह सरकार सही बात सुनना नहीं चाहती है”
विपक्षी सांसदों के निलंबन पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “यह सरकार सही बात सुनना नहीं चाहती. भाजपा से यह पूछना चाहिए कि वे लोकतंत्र का मंदिर बोलते हैं. हम सब अपने भाषणों में लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं. ये किस मूंह से इसे लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं, जब ये विपक्ष को बाहर कर रहे हैं. अगर ये दूसरी बार सरकार में आ गए तो यहां बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान नहीं बचेगा.”
आज 49 सांसदों को निलंबित किया गया
निलंबन का सिलसिला पिछले सप्ताह शुरू हुआ. सुरक्षा में चूक के एक दिन बाद विपक्षी सांसद गृह मंत्री से बयान की मांग करने लगे. जिसके बाद 13 लोकसभा सांसदों और एक राज्यसभा सांसद को निलंबित कर दिया गया.
कल, विपक्षी सांसदों ने अपना विरोध फिर से शुरू किया. इसके कारण दोनों सदनों में रिकॉर्ड 79 निलंबन हुए. आज 49 सांसदों को निलंबित किया गया.