शिमला: हिमाचल प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में आज और कल दो दिनों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है. 30 जुलाई से कुछ राहत मिलने के आसार हैं. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 30 जुलाई से मानसून की रफ्तार कुछ सुस्त पड़ने का पूर्वानुमान जताया है.
बड़े वाहनों की आवाजाही ठप
4 अगस्त से फिर भारी बारिश का दौर शुरू होने की संभावना है. बुधवार रात को मंडी-पठानकोट और शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे भूस्खलन से प्रभावित रहा. इस दौरान सैकड़ों वाहन एनएच पर फंसे रहे. भरमौर-पठानकोट हाईवे का कुछ हिस्सा रावी में जलमग्न हो गया है. इससे बड़े वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है. हाईवे अब छोटे वाहनों के लिए खुला है. हाईवे के क्षतिग्रस्त होने से भरमौर-होली में एचआरटीसी की और निजी बसों समेत दर्जनों मालवाहक वाहन फंस गए हैं.
प्रदेश के अधिकांश नदी-नाले उफान पर हैं. गुरुवार शाम तक प्रदेश में 566 सड़कें और 250 पेयजल योजनाएं ठप रहीं.गुरुवार को भारी बारिश से मंडी शहर की सड़कें जलमग्न हो गईं. कई दुकानों तक पानी पहुंच गया. जोगिंद्रनगर में गुम्मा के पास नाले के पानी से सड़क को नुकसान हुआ है. बुधवार रात को इसके चलते मंडी-पठानकोट मार्ग भी तीन घंटे तक बंद रहा.
प्रदेश में अब तक 5,361.16 करोड़ रुपये का नुकसान
इस बार मानसून में 24 जून से 27 जुलाई तक प्रदेश में 5491.99 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है. 183 लोगों की जान गई है. 206 लोग जख्मी हुए हैं. बाढ़ से 687 मकान ढह गए, जबकि 7029 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. इस दौरान भूस्खलन की 68 और अचानक बाढ़ की 51 घटनाएं सामने आई हैं.