मंडी(सरकाघाट). हमारे देश को आजादी दिलाने में कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना खून बहाया था. आजादी के 70 साल बाद गिने-चुने ही स्वतंत्रता सेनानी हमारे बीच रह गये हैं. उनमें से एक हिमाचल के 99 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी नेकराम भी अब इस दुनिया को अलविदा कह गये.
धनालग पँचायत के निवासी स्वतन्त्रता सेनानी नेकराम 18 वर्ष की आयु में ब्रिटिश शासन में सेना में भर्ती हुए थे. बाद में नेताजी के आह्वान पर आजाद हिंद फौज में भर्ती हो गये थे. नेकराम बर्मा और रंगून में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध लोहा लेते हुए पाँच साल तक लापता भी रहे थे.
उनके बेटे और पोते नीरज ने उनको मुखाग्नि दी. उनके देहांत का समाचार मिलने के तुरंत बाद एसडीएम सरकाघाट डॉ सुरेश जसवाल स्वतन्त्रता सेनानी के घर पहुंचे और प्रशासन की ओर से उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की. पुलिस की ओर से हटली चौकी प्रभारी अश्विनी कुमार के नेतृत्व में उनको अंतिम गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और हवा में फायर कर उन्हे श्रद्धांजलि दी गयी.
नेकराम की पत्नी अभी जिंदा है. सेनानी की चार बेटियां है. सेनानी का एक बेटा अच्छर सिंह चौहान वर्तमान में भारतीय सेना में है. आज़ाद हिंद फौज से आने के बाद नेकराम ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट सुंदर नगर में नौकरी की. बाद में भारत सरकार ने उनके आज़ादी के योगदान को लेकर पेंशन दी और अंत समय तक नेकराम शान से अपना निर्वाह करते रहे.