चंबा. गुरमीत सिंह राम रहीम द्वारा किये गए दुष्कर्मो से चंबा के साधु समाज में भी रोष देखा जा रहा है. साधु समाज का कहना है कि जिस तरह से राम रहीम को बाबा और साधुओं की श्रेणी में जोड़कर देखा जा रहा है. वह बिल्कुल गलत है. गुरमीत राम रहीम का किसी भी मठ या धार्मिक संस्था के साथ कोई भी संबंध नहीं था. वह एक ढोंगी था और उसे उसके कर्मों की सजा मिल चुकी है. दसनामी अखाड़ा चंबा के महंत यितेन्द्र गिरी महाराज ने बताया कि अभी भी देश में बहुत से ऐसे मंदिर और मठ है, जहां पर इस तरह के ढोंगी बाबा रह रहे हैं. उन पर नकेल लगाने की जरूरत है.
प्रधानमंत्री को भेजा पत्र
इसी सिलसिले में सनातन धर्म मंदिर शिक्षा समिति, हिमाचल प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर महंत स्वामी विरेंद्र आनंद गिरि ने प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजा. पत्र में कहा गया है कि साधुओं का चोला पहनकर देश के मठ मंदिरों पर ढोंगी बाबाओं ने कब्जा कर रखा है. धर्म के नाम पर लोगों की भावनाओं व आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. पत्र में लिखा गया है कि सरकार को बाबा व मठाधीशों के बारे में सूचना एकत्रित कर इन पर नकेल कसने की सख्त जरुरत है. पत्र में ढोंगी बाबाओं को संरक्षण देने वाले राजनीतिज्ञों पर भी कार्रवाई करने की मांग की गई है.