शिमला. 27 मार्च 2022 को हुई हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि इसी माह के अंत तक फिर से परीक्षा करवाई जाएगी. शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि पेपर लीक होने कि आशंका के कारण परीक्षा रद्द कर दी गई है. पेपर लीक करने वाले आरोपी हरियाणा और दिल्ली से हैं. तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
एसआईटी का गठन
मुख्यमंत्री ने बताया कि पेपर लीक की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई है. डीआईजी मधुसूदन एसआईटी के प्रमुख होंगे. वहीं प्रथम आईआर वाहिनी के कमांडेंट विमुक्त रंजन, साइबर क्राइम के पुलिस अधीक्षक रोहित मालपानी, कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक कुशाल चन्द शर्मा और क्राइम के पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र कालिया एसआईटी टीम के सदस्य हैं. टीम जांच कर तथ्य जुटाएगी और उसके बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है कि पुलिस की भर्ती पारदर्शिता के साथ पूरी हो सके और किसी को अंगुली उठाने की गुंजाइश न रहे.
74 हजार उम्मीदवारों ने दी थी लिखित परीक्षा
हिमाचल प्रदेश पुलिस ने सिपाही के 1 हजार 334 पदों के लिए 27 मार्च को भर्ती परीक्षा आयेजित की थी. इनमें से 932 पुरुष, 311 महिला कांस्टेबल, 91 पुरुष कांस्टेबल बतौर चालक पदों के लिए 5 अप्रैल 2022 को परिणाम घोषित किया गया था. पहले चरण में लिखित परीक्षा का आयोजन प्रदेश में निर्धारित 81 केंद्रों पर किया गया था. लिखित परीक्षा में कांस्टेबल पुरुष के पदों के लिए 60 हजार से अधिक और कांस्टेबल महिला पदों के लिए 14 हजार से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे.
कैसे पकड़ में आया मामला
लिखित परीक्षा का परिणाम आने के बाद अभ्यर्थियों को दस्तावेजों की जांच के लिए बुलाया गया. दस्तावेजों की जांच के दौरान कांगड़ा के पुलिस आयुक्त खुशहाल चंद शर्मा को तीन युवाओं पर शक हुआ. तीनों युवाओं के 90 में से 70 अंक थे. लेकिन दसवीं की कक्षा में उनके अंक 50 फीसदी भी नहीं थे. एसपी ने तीनों युवाओं से अलग-अलग कड़ी पूछताछ की. पुलिस पूछताछ में तीनों युवा फंस गए और उन्होंने माना कि लिखित परीक्षा से पहले ही 6 से 8 लाख रुपये देकर उन्हें प्रश्नों के उत्तर मिल गए थे. उन्हें उत्तर रटने को कहा गया था.