शिमला: हिमाचल में सुखविंद्र सुक्खू की सरकार आउटसोर्स (Outsource Employee) पर होने वाली भर्तियां बंद करने जा रही है. राज्य के युवाओं को शोषण से बचाने के लिए इस बारे में जल्द फैसला हो सकता है. मुख्यमंत्री कार्यालय और कुछ विभागों के बीच एक दौर की बैठक हो गई है और अब फैसला होना बाकी है.
बंद होंगी आउटसोर्स भर्तियां
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से इस बारे में आउटसोर्स कर्मचारियों और विभागों में खाली पड़े पदों का डाटा भी मांगा है. अब नई नीति बनाकर विभागों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए भर्तियां की जाएंगी. वर्तमान में आउटसोर्स के अलावा मल्टीपर्पज वर्कर्स की नियुक्ति भी कुछ विभाग कर रहे हैं. इनकी भर्तियां भी अब पॉलिसी बनाकर ही होंगी. आउटसोर्स के नाम पर विभिन्न विभागों में विभागों में ठेकेदारी प्रथा के जरिए भर्तियों पर अंकुश लगाने पर विचार-विमर्श जारी है.
मुख्यमंत्री के शिमला लौटने के बाद होने वाली दूसरी बैठक में इस बारे में आदेश जारी हो सकते हैं. गौरतलब है कि पूर्व भाजपा सरकार के दौरान भी आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी बनाने पर एक कैबिनेट सब कमेटी का गठन तत्कालीन मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में किया गया था, लेकिन इस कमेटी की सिफारिशें समय पर नहीं आई और सरकार फैसला भी नहीं ले सकी.
इस सब कमेटी की बैठकों में रखे गए आंकड़ों के अनुसार राज्य के विभिन्न विभागों, निगमों और बोर्डों में करीब 30,000 आउटसोर्स कर्मचारी वर्तमान में काम कर रहे हैं. ये अपने लिए पॉलिसी की मांग कर रहे हैं. शिक्षा विभाग में नियुक्त कम्प्यूटर टीचर्स के लिए हाई कोर्ट ने भी पॉलिसी बनाने का रास्ता साफ कर दिया है. इसके चलते मुख्यमंत्री ने इस तरह की भर्तियां अब बंद करने का मन बनाया है.
हाईकोर्ट ने दी है छूट
शिक्षा विभाग में आउटसोर्स पर नियुक्त कम्प्यूटर टीचर्स के लिए पॉलिसी बनाने का रास्ता हाई कोर्ट ने भी सोमवार को ही साफ कर दिया है. ऐसे में आउटसोर्स नीति के विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इस तरह की भर्तियां अब बंद करने का मन बनाया है. इस बारे में सरकार जल्द ही फैसला लेने वाली है.