नई दिल्ली. राजस्थान के अलवर ज़िले के बहरोड़ में हुई हत्या के 5 महीने बाद राजस्थान की सीबी-सीआईडी ने जाँच में 6 आरोपियों को क्लीनचिट दे दी है. पहलू खान ने मरने से पहले अपने बयान में ओम यादव, हुक्म चन्द यादव, जगमाल यादव, नवीन सैनी, सुधीर यादव, और राहुल शर्मा का नाम बताया था.
पुलिस ने इन सब पर पांच-पांच हज़ार का इनाम भी रखा था. लेकिन अब क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट-क्राइम ब्रांच (CID-CB) ने इन को क्लीनचिट देकर इन लोगों के नाम सूची से हटाने की सिफ़ारिश भी की है. वही पुलिस ने इन पर से ईनाम की राशि भी हटा लिया है.
गौ तस्करी के आरोप में की थी पिटाई
राजस्थान के मेवात इलाक़े के पशुपालक पहलू खान जयपुर पशु मेले से गाय खरीदकर घर ले जा रहे थे. जब वह बहरोड़ पहुंचे तो उनपर गौ तस्करी का इल्ज़ाम लगाकर सैकड़ों की भीड़ ने पीट-पीट कर मार दिया था. इसका वीडियो भी सामने आया था, जिसमे पहलू खान और उसके बेटे की पिटाई साफ़ तौर पर देखी जा सकती है. पिटाई के बाद पहलू खान की मृत्यु हो गई थी.
मृतक का डेथ डिक्लेरेशन
मरने से पहले पहलू खान ने 6 लोगों के नाम पुलिस को बताए थे. पहलू खान का कहना था कि वो लोग आपस में इस नाम से एक दुसरे को बुला रहे थे. बहरोड़ पुलिस ने 6 लोगों के अलावा 200 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था.
पुलिस के द्वारा 7 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिसमें 5 को गिरफ़्तार किया गया था और बाकी 2 आरोपियों की तलाश थी. लेकिन बाद में गिरफ़्तार आरोपियों को ज़मानत पर रिहाई भी मिल गई थी. अब इन 6 आरोपियों को क्लीन चिट मील गई है.
ये क्लीन चिट पहलू खान के डेथ डिक्लेरेशन के बाद भी दे दी गई. डेथ डिक्लेरेशन को मृतक का आख़िरी बयान माना जाता है. जिसकी सत्यता पर अदालत भी इंकार नही करती है. क्योकि ऐसा माना जाता है की मृत्यु के समय इंसान झूठ नही बोलता.
हालाँकि अगर जांच में कुछ अलग सबूत हाथ लगते हैं तो इसे पुलिस चैलेंज भी कर सकती है. लेकिन जिस तरह से पहले वीडियो, फिर मृतक का बयान और उसके बाद चश्मदीद पहलू खान के बेटे के बयान को देखा जाए तो ये क्लीन चिट कहीं न कहीं सवाल ज़रूर खड़ा करती है.
लोकेशन के आधार पर क्लीन चिट
सीबी-सीआईडी ने मोबाइल की लोकेशन के आधार पर आरोपियों को क्लीन चिट दी है. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना के समय ये आरोपी उस जगह पर नही थे. वहीं इसके अलावा दूसरा आधार राठ गौशाला के कर्मचारियों और दूसरे लोगों के बयान को बताया गया है.
कोर्ट ने दी थी सख्त हिदायत
जिस तरह में कथित गौ रक्षकों की ओर से पिटाई के मामले सामने आ रहे हैं, उसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को कड़ी हिदायत दी थी. सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अमिताव रॉय और जस्टिस ए एम खनविल्कर ने गौ रक्षकों की हिंसा पर कड़ी फटकार लगते हुए हर राज्यों में नोडल पुलिस अफ़सर तैनात करने का निर्देश दिया था.
वहीं इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कथित गौरक्षकों को चेतावनी दी थी. लेकिन जिस तरह से ये मामले बढ़े हैं, ऐसा लगता नही कि हिंसा करने वालों ने इस चेतावनी को गंभीरता से लिया है