नई दिल्ली. बिहार के दरभंगा में राहुल गांधी के छात्र संवाद कार्यक्रम पर राजनीतिक संग्राम तेज़ हो गया है। दरभंगा जिला प्रशासन ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 163 के कथित उल्लंघन के आरोप में कानूनी कार्रवाई करने की घोषणा की है।
क्या है पूरा मामला?
राहुल गांधी दरभंगा के अंबेडकर छात्रावास में छात्रों से संवाद करने पहुंचे थे। लेकिन जिला प्रशासन ने इस कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी थी, और वैकल्पिक रूप से टाउन हॉल को कार्यक्रम स्थल के रूप में प्रस्तावित किया था।
बावजूद इसके, राहुल गांधी छात्रावास की ओर बढ़े। पहले विश्वविद्यालय गेट पर उन्हें रोका गया, लेकिन समर्थकों के दबाव के चलते गेट खोल दिया गया। बाद में खानकाह चौक पर फिर से रोके जाने के बावजूद राहुल गांधी पैदल चलते हुए छात्रावास पहुंच गए और छात्रों को संबोधित किया।
राहुल गांधी का बड़ा बयान: “मुझे रोका गया, लेकिन जनता की ताकत मेरे पीछे है”
अपने भाषण में राहुल गांधी ने कहा कि मैं यहां आपकी बात सुनने आया हूं। प्रशासन ने मुझे रोकने की हरसंभव कोशिश की। लेकिन मुझे आपकी ताकत पर भरोसा है। और दुनिया की कोई ताकत उसे रोक नहीं सकती उन्होंने पीएम मोदी, सीएम नीतीश कुमार और भाजपा सरकार पर जाति आधारित जनगणना को लेकर हमला बोला। उन्होंने कहा: यह सरकार 90% गरीबों, पिछड़ों और दलितों के खिलाफ है। यह अडानी-अंबानी की सरकार है, जनता की नहीं।
प्रशासन का पक्ष: नियमों का उल्लंघन हुआ, हो सकती है कार्रवाई
दरभंगा के जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि राहुल गांधी ने निर्धारित कार्यक्रम स्थल को दरकिनार कर जिस तरह छात्रावास की ओर मार्च किया, वह सीआरपीसी के प्रावधानों का उल्लंघन है। हम इस पर कार्रवाई के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।”
हालांकि कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि धारा 163 आमतौर पर पुलिस जांच से संबंधित है, और प्रशासन को आगे स्पष्टीकरण देना होगा कि इसे कैसे लागू किया जा रहा है।
कांग्रेस का आरोप: “कार्यक्रम को जानबूझकर रोका गया
बिहार कांग्रेस ने बयान जारी करते हुए कहा:
“छात्रों से संवाद का यह कार्यक्रम शांतिपूर्ण था। प्रशासन ने जानबूझकर राहुल गांधी की राजनीतिक गतिविधि में बाधा डाली।”
कांग्रेस का दावा है कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को दबाने का प्रयास है और वह इससे पीछे नहीं हटेगी।
सोशल मीडिया से सीधी चुनौती: “रोक सको तो रोक लो”
राहुल गांधी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा: नीतीश जी और मोदी जी, अगर आप रोक सकते हैं तो रोक लें। जाति आधारित जनगणना का तूफान सामाजिक न्याय की शुरुआत है।
इस विवाद ने एक बार फिर दिखा दिया कि राजनीति और प्रशासनिक निर्णय किस तरह आपस में टकरा सकते हैं, खासकर चुनावी माहौल में। राहुल गांधी जहां इसे जन संवाद और सामाजिक न्याय की लड़ाई बता रहे हैं, वहीं प्रशासन इसे नियमों की अवहेलना मानकर कानूनी कार्रवाई की तैयारी में है। अब देखना यह है कि यह मामला चुनावी मुद्दा बनता है या न्यायिक बहस तक सीमित रहता है।