नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर दुनिया भर के लोगों को बधाई देते हुए योग को वैश्विक एकता और शांति के माध्यम से बताया। विशाखापत्तनम में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आज जब दुनिया और तनाव से यात्रा चल रही है, शांति और कल्याण के लिए योग का रास्ता दिखाया जा रहा है। संकट और संघर्ष के इस दौर में योग हमें आंतरिक शांति और वैश्विक सद्भाव की दिशा दिखाता है।
योग: एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य – 2025 थीम की व्याख्या
इस साल की थीम One Earth, One Health through Yoga के महत्व को समझाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि योग मानव, पशु और प्रकृति – सभी के स्वास्थ्य को जोड़ता है। उन्होंने कहा कि हमारा स्वास्थ्य मिट्टी, नदियों, जानवरों और पेड़ों से जुड़ा है। Yoga इस interconnection की चेतना जाग्रत करता है।
योग वैश्विक संयोजक के रूप में: मोदी का विश्व को संदेश
पीएम मोदी ने कहा कि योग का मतलब है “to unite”। उन्होंने बताया कि कैसे दुनियाभर में करोड़ों लोग boundaries, cultures, backgrounds को पार करते हुए योग को अपनाकर Global Yoga Movement को आगे बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने इसे एक Universal Practice for Mind and Body बताया। योग आज राष्ट्रों, भाषाओं, संस्कृतियों से परे सबको जोड़ रहा है – यही इसका असली अर्थ है।
विज्ञान और परंपरा का मिलन: सीमाओं से परे योग
पीएम मोदी ने कहा कि योग अब सिर्फ पारंपरिक साधना नहीं, बल्कि एक scientifically validated global health discipline बन चुका है। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजन braille scripts में योग सीख रहे हैं, अंतरिक्ष यात्री zero gravity में yoga का अभ्यास कर रहे हैं, युवा Yoga Olympiads में हिस्सा ले रहे हैं। नौसेना के सभी जहाजों पर Yoga Day Celebrations आयोजित किए जा रहे हैं।
योग की वैश्विक यात्रा: प्राचीन भारत से वैश्विक जीवनशैली तक
मोदी ने कहा कि 2014 में जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने का प्रस्ताव दिया, तो 175 देशों ने तुरंत समर्थन किया। आज 11 वर्षों बाद, Yoga as Lifestyle बन चुका है। दुनिया का ऐसा सामूहिक समर्थन इस युग में विरला है। योग ने दुनिया को जोड़ने का काम किया है।
प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक अपील: मानवता के लिए योग 2.0 का शुभारंभ करें
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब वक्त है कि हम Yoga 2.0 for Humanity की शुरुआत करें, जहां आंतरिक शांति को global diplomacy का मूल बनाएं। उन्होंने कहा कि योग न सीमाओं को मानता है, न जाति, भाषा या उम्र को। यह सबके लिए है।