नई दिल्ली: विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की नई रिपोर्ट ने भारत समेत पूरे एशिया को जलवायु संकट को लेकर चेतावनी दी है। रिपोर्ट के अनुसार India Coastal Areas में Sea Level Rising अब और भी तेज हो गया है। खासतौर पर Arabian Sea और Bay of Bengal के किनारे बसे इलाकों पर इसका गहरा असर पड़ सकता है।
Sea Level 4 mm प्रति वर्ष की दर से बढ़ रहा
WMO की “State of the Climate in Asia 2024” रिपोर्ट बताती है कि अब समुद्र का जलस्तर 4.0 mm/year की दर से बढ़ रहा है, जो पहले 3.7-3.8 mm/year था। यह वृद्धि मुख्यतः समुद्र तट से 50 किलोमीटर के भीतर देखी गई है। Global Warming, Fossil Fuel Use, और Glacier Melting इसके मुख्य कारण बताए गए हैं। यह Coastal Cities और Small Islands के लिए एक Climate Emergency बनता जा रहा है।
ग्लोबल एवरेज से ज्यादा बढ़ रही है भारत की गर्मी
रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि Asia Temperature Rise की रफ्तार Global Average Temperature से लगभग दोगुनी है। 1991 से 2024 तक तापमान वृद्धि 1961-1990 की तुलना में लगभग दोगुनी रही। Himalayan Glaciers का पिघलना, Floods, और Landslides जैसी आपदाओं में वृद्धि हो रही है।
Eastern और Western Coast दोनों पर खतरा
भारत के Eastern Coast (Bengal to Tamil Nadu) और Western Coast (Gujarat to Kerala) दोनों पर Ocean Temperature Rise की वजह से स्थिति चिंताजनक है। वर्ष 2024 में समुद्री जलस्तर में औसतन 3.4 mm की वृद्धि दर्ज की गई जबकि भारत के पश्चिमी तट पर यह 3.9 mm और पूर्वी तट पर 4.0 mm रही।
Kerala Landslide और Heatwave से भारी नुकसान
रिपोर्ट में वर्ष 2024 में केरल के वायनाड जिले में आई भयानक Landslide in Kerala का जिक्र है, जिसमें 350 से अधिक लोगों की मौत हुई। साथ ही देशभर में Heatwave की वजह से 450 से ज्यादा मौतें और Lightning Strikes से करीब 1300 लोगों की जान गई। केवल 10 जुलाई को ही यूपी, एमपी, राजस्थान, महाराष्ट्र और झारखंड में 72 लोग बिजली गिरने से मारे गए।
भारत को क्या करना चाहिए? Climate Action Plan की जरूरत
इस रिपोर्ट के बाद अब स्पष्ट हो गया है कि भारत को Coastal Planning, Sustainable Development, और Disaster Preparedness को अपनी प्राथमिकता बनाना होगा। Green Energy Use,Early Warning System Mangrove Plantation और Climate-Resilient Infrastructure जैसे कदम उठाना अब जरूरी हो गया है।