नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने देश के तीन प्रमुख राज्यों—महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए वरिष्ठ नेताओं को विशेष जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी ने संकेत दिए हैं कि आगामी कुछ दिनों में इन राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव हो सकता है, जिसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की राह भी साफ होगी।
किन नेताओं को मिला कौन सा राज्य?
महाराष्ट्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को।
पश्चिम बंगाल के लिए रविशंकर प्रसाद को नियुक्त किया गया है।
उत्तराखंड में संगठनात्मक प्रक्रिया की देखरेख करेंगे हर्ष मल्होत्रा।
वहीं, मध्य प्रदेश के लिए धर्मेंद्र प्रधान को यह जिम्मेदारी दी गई है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव क्यों है जरूरी?
भाजपा के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 में समाप्त हो चुका है और वह फिलहाल एक्सटेंशन पर इस पद की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। चूंकि नड्डा अब केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं, ऐसे में संगठनात्मक संतुलन बनाए रखने के लिए भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनना अनिवार्य हो गया है।
देरी की वजह क्या रही?
BJP में संगठनात्मक प्रक्रिया के तहत पहले प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव जरूरी होता है। चूंकि कई राज्यों में अभी तक यह चुनाव नहीं हुआ है, इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी लगातार टलता जा रहा है। अब पार्टी नेतृत्व इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने में जुट गया है।
कहां-कहां फंसा है पेच?
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और अन्य कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, लेकिन नए चेहरों की घोषणा नहीं हुई। उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले संगठन को मजबूत करना बेहद जरूरी माना जा रहा है। वहीं मध्य प्रदेश में करीब छह महीनों से प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति अटकी हुई है, जिसे लेकर जल्द फैसला लिए जाने की संभावना जताई जा रही है।
21 जुलाई से पहले आ सकता है बड़ा फैसला
सूत्रों की मानें तो बीजेपी 21 जुलाई 2025 से पहले नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करना चाहती है क्योंकि उसी दिन से संसद का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। ऐसे में संगठन और सरकार के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए यह एक अहम कदम माना जा रहा है।