नई दिल्ली. बिहार में voter list revision को लेकर राजनीति गरमा गई है। Supreme Court द्वारा Election Commission को मतदाता सूची संशोधन जारी रखने की अनुमति देने के बाद, इस प्रक्रिया में Aadhaar Card को दस्तावेज़ के तौर पर शामिल करने की सिफारिश को लेकर विवाद छिड़ गया है। BJP ने इस मुद्दे पर कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस का रुख पाखंड से भरा हुआ है।
कांग्रेस पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया
BJP IT Cell प्रमुख Amit Malviya ने कांग्रेस पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने याद दिलाया कि साल 2021 में जब मोदी सरकार ने वोटर ID को आधार से जोड़ने का प्रस्ताव रखा था, तब कांग्रेस ने इसका यह कहकर विरोध किया था कि “आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है” और इससे non-citizens को भी voting rights मिल सकते हैं। लेकिन अब 2025 में कांग्रेस खुद चाहती है कि बिहार Voter List Revision के दौरान आधार को मान्य प्रमाण माना जाए।
मालवीय ने X (पूर्व Twitter) पर लिखा कि 2021: Congress ने कहा किAadhaar से नागरिकता सिद्ध नहीं होती!’ 2025: वही Congress अब आधार को ही नागरिकता का सबूत मानने की मांग कर रही है। यह hypocrisy नहीं तो और क्या है?
इस बीच, कांग्रेस नेता Pramod Tiwari ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को “शुरुआती जीत” बताया। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने आधार, राशन कार्ड और वोटर ID को दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार करने की बात कही है, जो कांग्रेस की मांग रही है।
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने ECI को बिहार में Special Summary Revision जारी रखने की अनुमति दी, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि time frame तंग है और documentation की process कठिन हो सकती है, जिससे कई eligible voters बाहर हो सकते हैं। कोर्ट ने Election Commission से 28 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस बीच Rahul Gandhi और Tejashwi Yadav ने ‘Modi Commission’ कहकर चुनाव आयोग पर निशाना साधा, जिसे BJP ने ‘निराधार आरोप’ बताते हुए खारिज किया।