नई दिल्ली. महाराष्ट्र विधानसभा का Monsoon Session शुरू हो चुका है, लेकिन इसी बीच राज्य के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का अचानक दिल्ली आना और गृहमंत्री Amit Shah से मुलाकात करना सियासी हलकों में हलचल मचा गया है। बताया जा रहा है कि शिंदे ने केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari से भी मुलाकात की। इन बैठकों को विपक्ष ने गंभीरता से लिया है, और इसे महायुति सरकार में अंदरूनी खींचतान और संभावित Cabinet Conflict से जोड़ दिया है।
Congress विधायक नाना पटोले ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि शिंदे “कैबिनेट में चल रही गैंगवार से बचने के लिए दिल्ली दरबार पहुंचे हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार में हालात असंतुलन की तरफ बढ़ रहे हैं।
मराठी वोट बैंक और ठाकरे बंधुओं की एकता से बढ़ी चिंता?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की बढ़ती नजदीकी और Marathi Identity Politics को लेकर हो रही साझा रैलियां एकनाथ शिंदे की शिवसेना को सीधा खतरा बन सकती हैं। यही वजह है कि शिंदे की दिल्ली यात्रा को strategic consultation के तौर पर देखा जा रहा है।
माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे ने अमित शाह से उन संभावित राजनीतिक नुकसानों पर चर्चा की, जो आगामी Maharashtra Local Body Elections 2025 में ठाकरे बंधुओं के एकसाथ आने से हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, BJP ने इस बाबत एक Internal Survey भी कराया है, ताकि संभावित समीकरणों का विश्लेषण किया जा सके।
मनसे से रिश्तों को लेकर भी चर्चा?
हाल ही में एकनाथ शिंदे की पार्टी ने मनसे (MNS) के साथ soft corner दिखाया है। मनसे द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में शिंदे सेना के वरिष्ठ नेता प्रताप सरनाइक की मौजूदगी और गिरफ्तारी के विरोध में पार्टी की प्रतिक्रिया से संकेत मिलता है कि शिंदे गुट मराठी भावनाओं के खिलाफ नहीं जाना चाहता। यह भी एक संकेत है कि आने वाले चुनावों में मराठी वोटर्स की नाराजगी को टालने के लिए शिंदे नई रणनीति पर विचार कर रहे हैं।