नई दिल्ली. संसद का Monsoon Session 2025 पहले ही दिन तीखे राजनीतिक टकराव और हंगामे का गवाह बना। लोकसभा में Leader of Opposition राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि उन्हें बोलने का अधिकार होते हुए भी अपनी बात रखने की अनुमति नहीं दी जा रही है, जबकि सत्तारूढ़ पार्टी के नेता लगातार अपनी बात रख पा रहे हैं।
राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं विपक्ष का नेता हूं, यह मेरा अधिकार है कि मैं सदन में अपनी बात रखूं, लेकिन मुझे लगातार बोलने से रोका जाता है। ये एक नया तरीका अपनाया गया है, जहां सरकार के लोग तो कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन विपक्ष को दो शब्द भी नहीं कहने दिए जाते।”
उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे “एक सेकंड में सदन से बाहर चले गए” और अगर सरकार बहस की अनुमति देती, तो विपक्ष पूरी तैयारी के साथ अपना पक्ष रखता। राहुल ने इस व्यवहार को लोकतंत्र के लिए खतरनाक प्रवृत्ति बताया।
Opposition की मांग: ऑपरेशन सिंदूर पर हो चर्चा
इस पूरे विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब Congress और INDIA Bloc के अन्य सांसदों ने हाल ही में Pahalgam आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा किए गए Operation Sindoor पर संसद में चर्चा की मांग की। Lok Sabha Speaker Om Birla ने स्पष्ट किया कि वह Question Hour के बाद सभी मुद्दों को उठाने की अनुमति देंगे, लेकिन उन्होंने नारेबाज़ी और तख्तियाँ लहराने को नियमों के खिलाफ बताया। बिरला ने कहा, “सदन नियमों से चलता है। अगर सदस्य नोटिस देंगे, तो मैं सभी को पर्याप्त समय दूँगा।”
श्रद्धांजलि और मिशन स्पेस की बात
सत्र की शुरुआत में संसद ने हाल ही में दिवंगत 8 पूर्व सांसदों को श्रद्धांजलि दी। साथ ही 22 अप्रैल के Pahalgam आतंकी हमले और 12 जून के Ahmedabad विमान हादसे में मारे गए लोगों को भी याद किया गया।
स्पीकर ने ISRO और Indian Astronaut Shubhanshu Shukla को बधाई दी, जो 18 दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर बिताकर सफलतापूर्वक लौटे। संसद में इस Historic Space Mission पर विस्तृत चर्चा की बात भी कही गई।
लोकतांत्रिक संवाद या राजनीतिक टकराव?
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर से सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या संसदीय लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज़ दबाई जा रही है? राहुल गांधी की टिप्पणी और विपक्ष का विरोध इस बात का संकेत है कि सत्ता और विपक्ष के बीच की खाई और गहरी हो रही है।