नई दिल्ली. Vice President of India जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिससे देश की राजनीति में हलचल मच गई है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक औपचारिक resignation letter सौंपते हुए अपने health issues को इस निर्णय का कारण बताया। अब यह सवाल उठ रहा है कि इस constitutional position को दोबारा भरने की प्रक्रिया क्या होगी और कब तक नया उपराष्ट्रपति चुना जाएगा?
Article 68 क्या कहता है?
भारतीय संविधान के Article 68 (Clause 2) के अनुसार, उपराष्ट्रपति के इस्तीफे, निधन या removal की स्थिति में उनका स्थान “as soon as possible” भरना अनिवार्य है। इसका मतलब है कि जल्द ही Vice President Election की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
क्या होगा Vice President का कार्यकाल?
Article 66 के अनुसार, Vice President का चुनाव Electoral College द्वारा किया जाता है, जिसमें Lok Sabha और Rajya Sabha के सदस्य शामिल होते हैं। नया उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद, वह पूरे 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगा, चाहे पिछला कार्यकाल जितना भी बचा हो।
Interim व्यवस्था: कौन निभाएगा Vice President के कार्य?
ध्यान देने योग्य बात यह है कि अगर Vice President का पद खाली हो जाए, तो Indian Constitution यह स्पष्ट नहीं करता कि तब तक कौन उनके कार्यभार संभालेगा। लेकिन चूंकि उपराष्ट्रपति Rajya Sabha के ex-officio Chairman भी होते हैं, तो ऐसी स्थिति में Rajya Sabha Deputy Chairman या राष्ट्रपति द्वारा नामित कोई अन्य सदस्य सभापति का कार्य देख सकता है।
Vice President का इस्तीफा कैसे प्रभावी होता है?
Vice President अपना resignation सीधे President को submit करते हैं। एक बार यह letter स्वीकार कर लिया जाता है, resignation immediately प्रभाव में आ जाता है। इसके बाद, नए चुनाव की प्रक्रिया initiate की जाती है।
Vice President को कौन replace करेगा?
जब तक नया Vice President elect नहीं हो जाता, वर्तमान उपराष्ट्रपति कार्यभार नहीं संभालते। लेकिन अगर resignation या death नहीं हुई होती, तो उपराष्ट्रपति कार्यकाल पूरा होने के बाद भी successor के चयन तक पद पर बने रह सकते हैं।
Vice President Resignation का मतलब है जल्द चुनाव
जगदीप धनखड़ के unexpected resignation के बाद अब देश एक और constitutional process की ओर बढ़ रहा है – Vice President Election 2025। ऐसे में राजनीतिक हलचलों के साथ-साथ संवैधानिक प्रक्रियाओं पर भी सबकी नजरें टिकी हैं।