नई दिल्ली. बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर राजनीति गरमा गई है। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने मंगलवार को रिपब्लिक अलायंस इंडिया ब्लॉक के विपक्षी दलों के खिलाफ नामांकन सूची के संशोधन आदेश जारी किए।
प्रदर्शन में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव समेत कई दिग्गज नेता शामिल हुए. मुसलमानों ने संसद के मकर द्वार पर एकत्रित सभा में एसआईआर को चुनाव चुराने का रास्ता बताया।
2003 में भी हुआ था SIR, लेकिन तब भरोसा था : RJD की प्रतिक्रिया
RJD नेताओं ने सवाल उठाया कि वर्ष 2003 में भी SIR हुआ था, लेकिन तब किसी तरह का विवाद नहीं हुआ। इस बार की प्रक्रिया पर उन्होंने भरोसे की कमी जताई। उन्होंने कहा कि 2003 में भी SIR हुआ था, लेकिन उस समय पारदर्शिता थी। इस बार शक इसलिए है क्योंकि उद्देश्य voter suppression का लग रहा है। अदालत ने भी आदेश दिया कि अधिकतम शामिल करने की प्रक्रिया होनी चाहिए, न कि लोगों को बाहर करने की। राजद का यह भी आरोप है कि चुनाव से ठीक पहले मतदाता सूची में छेड़छाड़ का सीधा असर free and fair elections पर पड़ेगा।
Maharashtra Model की तर्ज पर Bihar में चल रही गड़बड़ी: प्रियंका गांधी
Congress leader Priyanka Gandhi Vadra ने भी प्रदर्शन में भाग लेते हुए आरोप लगाया कि बिहार में वही तरीका अपनाया जा रहा है जो महाराष्ट्र में देखा गया था। उन्होंने अपने X (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में लिखा:
पहले Maharashtra में voter list manipulation के जरिए चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई। अब वही तरीका Bihar में अपनाया जा रहा है – voters के नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं। SIR की आड़ में एक तरह से ‘voting ban’ लगाया जा रहा है। ये संविधान द्वारा दिए गए मताधिकार पर सीधा हमला है। प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि Opposition Alliance INDIA इस साजिश के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहेगा।
राजद सांसदों ने पहने काले कपड़े, विधान परिषद में जताया विरोध
बिहार विधान परिषद में भी इस मुद्दे ने जोर पकड़ा। Former CM Rabri Devi समेत राजद और अन्य विपक्षी MLCs ने black clothes पहनकर विरोध जताया। उनका कहना था कि यह सिर्फ एक administrative process नहीं, बल्कि targeted disenfranchisement का प्रयास है।