नई दिल्ली. लोकसभा में सोमवार को जन विश्वास (संशोधन) विधेयक, 2025 (Jan Vishwas Amendment Bill 2025) पेश किया गया। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य Ease of Doing Business in India को और मज़बूत बनाना तथा छोटे अपराधों (Minor Offences) को अपराध की श्रेणी से बाहर करना है। विपक्ष के विरोध और हंगामे के बीच यह विधेयक पेश किया गया और बाद में इसे लोकसभा की प्रवर समिति (Parliamentary Standing Committee) को भेज दिया गया।
विपक्ष का विरोध और सदन की कार्यवाही
विपक्षी दलों ने इस विधेयक को पेश किए जाने के दौरान कड़ा विरोध दर्ज कराया। विपक्ष बिहार में Voter List Revision Issue और अन्य राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहा था। शोर-शराबे के बीच, अध्यक्ष संध्या रे ने संसदीय पत्रों को सदन में पटल पर रखने और जन विश्वास (संशोधन) विधेयक, 2025 तथा भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM Amendment Bill) को पेश करने की अनुमति दी।
विधेयक का उद्देश्य: Trust-Based Governance
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal, Commerce & Industry Minister) ने कहा कि इस विधेयक का लक्ष्य “Trust-Based Governance” यानी विश्वास-आधारित शासन को बढ़ावा देना है। 350 से अधिक प्रावधानों (Provisions) में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया है। इसका मकसद है कि छोटे अपराधों पर जेल (Imprisonment) का प्रावधान खत्म करके Penalty या Fine लगाया जाए। यह कदम भारत में Business Environment Improvement की दिशा में अहम साबित होगा।
2023 का जन विश्वास अधिनियम
यह विधेयक 2023 में लाए गए Jan Vishwas (Amendment of Provisions) Act 2023 की अगली कड़ी है। उस अधिनियम के तहत: 42 केंद्रीय कानूनों (Central Laws) के 183 प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया था। कई मामलों में कारावास (Imprisonment) को हटाकर Monetary Penalty का प्रावधान जोड़ा गया। इससे व्यापारियों, उद्योगों और आम नागरिकों को राहत मिली थी।
आगे की प्रक्रिया
लोकसभा स्पीकर ने इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजा है। समिति को निर्देश दिया गया है कि वह अगले संसदीय सत्र (Next Parliamentary Session) के पहले दिन अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
क्यों ज़रूरी है जन विश्वास (संशोधन) विधेयक 2025?
Ease of Living & Ease of Doing Business को प्रोत्साहन।
छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर लाकर Judicial Burden कम करना।
Investor Confidence बढ़ाना और विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करना।
व्यवसायिक माहौल को अनुकूल बनाना और Startup Ecosystem को मज़बूत करना।
नागरिकों और व्यापारियों के बीच सरकार के प्रति Trust Building करना।