नई दिल्ली. भारत की राष्ट्रपति Droupadi Murmu ने बुधवार को केरल के प्रसिद्ध Sabarimala Temple में भगवान अयप्पा के दर्शन किए। यह पहली बार है जब कोई सेवारत राष्ट्राध्यक्ष इस मंदिर में पूजा करने पहुंचा है। इस ऐतिहासिक क्षण के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने भगवान अयप्पा को पूजा अर्पित की और 18 sacred steps चढ़कर मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचीं।
सुरक्षा और व्यवस्था के विशेष इंतज़ाम
Travancore Devaswom Board और पुलिस प्रशासन ने राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान व्यापक सुरक्षा इंतज़ाम किए। Pamba से Sannidhanam तक की ट्रेकिंग रूट पर राष्ट्रपति के लिए विशेष four-wheel drive vehicles की व्यवस्था की गई थी। मंदिर में पहुँचने पर राज्य के Devaswom मंत्री वी.एन. वासवन और बोर्ड अध्यक्ष पी.एस. प्रसान्त ने राष्ट्रपति का स्वागत किया।
मंदिर के तंत्री कंडारारू महेश मोहनारू ने उन्हें Poorna Kumbha से सम्मानित किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने भगवान अयप्पा को irumudikkettu (पवित्र भेंट) अर्पित की और aarti में हिस्सा लिया।
सबरीमाला दर्शन के बाद अन्य मंदिरों में पूजा
भगवान अयप्पा के दर्शन के बाद राष्ट्रपति ने पास के Malikappuram Temple में भी पूजा की। यात्रा के दौरान आम श्रद्धालुओं के दर्शन पर अस्थायी रोक लगाई गई थी। दर्शन पूरा करने के बाद राष्ट्रपति Travancore Devaswom Board Guest House में विश्राम के लिए पहुँचीं।
इस यात्रा के साथ ही द्रौपदी मुर्मू पहली महिला राष्ट्रपति बन गई हैं जिन्होंने सबरीमाला मंदिर में पूजा की है। वह देश की दूसरी राष्ट्रपति हैं जिन्होंने इस पवित्र स्थल की यात्रा की। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति वी.वी. गिरी ने 1970 के दशक में डोली के माध्यम से सबरीमाला का दर्शन किया था।
सबरीमाला मंदिर का धार्मिक महत्व
Sabarimala Temple भगवान अयप्पा को समर्पित है, जिन्हें Hari-Hara Putra कहा जाता है — यानी भगवान विष्णु के Mohini अवतार और भगवान शिव के पुत्र। यह मंदिर Vaishnavism और Shaivism के समागम का प्रतीक है।
हर साल लाखों श्रद्धालु इस मंदिर की spiritual journey पर निकलते हैं। परंपरा के अनुसार, यात्रियों को 41 दिन का vratham (fasting) रखना होता है, जिसमें संयम, शाकाहार और प्रार्थना शामिल हैं।