नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गुरुवार को बताया कि Gaganyaan मिशन का लगभग 90% विकास कार्य पूरा हो चुका है। यह भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है, जो 2027 तक क्रू मैन लॉन्च के लिए तैयार किया जा रहा है।
ISRO के अध्यक्ष V. नारायणन ने कहा,
Gaganyaan मिशन बहुत अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है। इस मिशन में कई तकनीकों का विकास आवश्यक है मानवयुक्त रॉकेट, ऑर्बिटल मॉड्यूल, पर्यावरण नियंत्रण और सुरक्षा प्रणाली। इसके अलावा क्रू एस्केप सिस्टम, पैराशूट सिस्टम और मानव-केंद्रित उत्पाद भी विकसित किए जा रहे हैं।
तीन अनक्रूड मिशन पहले पूरा होंगे
नारायणन ने बताया कि तीन अनक्रूड मिशन सफलतापूर्वक पूरे करने के बाद ही क्रू मैन मिशन शुरू होगा। पहले अनक्रूड मिशन में Vyommitra को उड़ाया जाएगा। ISRO इस लक्ष्य के साथ काम कर रहा है कि 2027 की शुरुआत तक मानवयुक्त मिशन लॉन्च किया जा सके।
सफल एयर ड्रॉप टेस्ट
24 अगस्त 2025 को, ISRO ने सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा में Gaganyaan प्रोग्राम का पहला इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट सफलतापूर्वक किया। इस परीक्षण में क्रू मॉड्यूल के पैराशूट आधारित डीसलेरेशन सिस्टम की एंड-टू-एंड प्रदर्शन सत्यापन को दिखाया गया।
नारायणन ने बताया,
“मिशन के अंतिम चरण में लगभग नौ पैराशूट्स को समन्वित तरीके से काम करना होता है। हमने एक सिम्युलेटेड मॉड्यूल को हेलिकॉप्टर से लगभग 3 किलोमीटर ऊंचाई पर उठाया और नौ पैराशूट्स की मदद से सफलतापूर्वक पानी में सुरक्षित उतारा।”
अगले कदम
ISRO अब तीन अनक्रूड मिशनों के सफल संचालन की ओर बढ़ रहा है और इसके बाद मानवयुक्त मिशन के लिए तैयारी पूरी की जाएगी। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान और मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा।