नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल (Cabinet) ने 8वें वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) की Terms of Reference (ToR) को मंजूरी दे दी। यह आयोग लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स के वेतन और भत्तों की समीक्षा करेगा।
कैबिनेट ने तय की आयोग की संरचना (Composition Approved by Cabinet)
कैबिनेट द्वारा अनुमोदित संरचना के अनुसार—
चेयरपर्सन: पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज रंजन प्रकाश देसाई
पार्ट-टाइम सदस्य: आईआईएम बेंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष
सदस्य सचिव: पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन
यह आयोग एक अस्थायी निकाय होगा, जो अपनी सिफारिशें 18 महीनों के भीतर केंद्र सरकार को सौंपेगा।
नए वेतन लागू होने की संभावित तारीख
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि “वेतन आयोग की सिफारिशें मिलने के बाद लागू करने की तिथि तय की जाएगी, लेकिन संभावना है कि इसे 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाएगा।”
आयोग किन बिंदुओं पर करेगा विचार (Key Focus Areas)
8वां वेतन आयोग अपनी रिपोर्ट तैयार करते समय निम्न पहलुओं पर विचार करेगा—
देश की आर्थिक स्थिति और राजकोषीय अनुशासन की आवश्यकता।
विकास और कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता।
गैर-योगदान आधारित पेंशन योजनाओं का वित्तीय बोझ।
राज्य सरकारों पर पड़ने वाला प्रभाव, जो आमतौर पर केंद्र की सिफारिशों को संशोधित रूप में अपनाती हैं।
सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की वेतन संरचना और सुविधाएं।
सरकार ने यह भी कहा है कि आयोग आवश्यक होने पर इंटरिम रिपोर्ट (interim report) भी दे सकता है।
इतिहास: 1947 से अब तक बने सात वेतन आयोग (Since Independence)
भारत में अब तक सात केंद्रीय वेतन आयोग (Pay Commissions) बनाए जा चुके हैं।
पहला आयोग: 1947 में गठित
सातवां आयोग: 2014 में बना, जिसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुईं।
आमतौर पर हर 10 साल में केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों का वेतन पुनरीक्षित करने के लिए नया आयोग गठित करती है।
कर्मचारियों में उम्मीदें बढ़ीं
8वें वेतन आयोग की मंजूरी से अब सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच उम्मीदें बढ़ गई हैं। माना जा रहा है कि नई सैलरी संरचना से महंगाई भत्ता (DA), भत्ते (Allowances) और पेंशन में भी सुधार देखने को मिलेगा।
