नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचसीआर) रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार की वास्तविक स्थिति जानने के लिए म्यांमार जाना चाहती है. यूएनएचसीआर ने इसके लिए म्यांमार सरकार से अनुमति मांगी है. रोहिंग्या संकट की जांच के लिए परिषद ने एक जांच टीम का गठन किया है.
परिषद के अध्यक्ष मारजुकी डारुसमेन ने कहा, “यह हम लोगों के लिए महत्वपूर्ण है कि हम खुली आंखों से इस हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघन को देखें और पूरे अधिकार के साथ प्रभावित लोगों से सीधी बातचीत करें. इसी वजह से हमने म्यांमार सरकार के साथ सहयोग बढ़ाने और देश में निर्बाध रूप से जाने देने का आग्रह किया है.”
अपनी अपील में परिषद ने कहा है कि म्यांमार सरकार भी वास्तविकता जानना चाहती है और हम भी वही चाहते हैं. पिछले दिनों म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की ने कहा था कि वह रोहिंग्या संकट के बाद पलायन कर चुके मुसलमानों और अब तक यहां बचे लोगों से बातचीत कर मूल कारणों को जानना चाहती हैं.
परिषद ने कहा है कि वे अधिकार के साथ रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार की खबरों की सच्चाई तलाशना चाहती है. परिषद मानती है कि उनकी इस अपील को म्यांमार सरकार सकारात्मक नजरिये से देखेगी. यूएनएचसीआर पहले ही शरणार्थी रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में जानकारी इकठ्ठा करने के लिए अपनी टीम को बांग्लादेश भेज चुका है.