कुल्लू. अंतरराष्ट्रीय दशहरा पर्व के समाप्त होने के पश्चात अब दशहरा कमेटी के कई गड़बड़झाले सामने आने लगे हैं. सबसे पहले जहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मंडी के एक अधिकारी को लाभ पहुंचाने का मामला सामने आया. वहीं अब वीआईपी की खातिरदारी में भी चहेतों को लाभ पहुंचाने के आरोप लग रहे हैं.
हैरानी इस बात की है कि कुल्लू प्रशासन को हिमाचल पर्यटन निगम की सेवा तो अच्छी लगती है, लेकिन उनका खाना पसंद नहीं आता है. हिमाचल पर्यटन निगम विधानसभा से लेकर हर बड़े कार्यक्रम के लिए खाना परोसता है, मगर कुल्लू प्रशासन शायद राज्य से भी बड़ा हो चला है कि उसे इस खाने में खामी दिखी और यह सब निजी हाथों में सौंप दिया.
हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डाबे राम चौहान व क्षेत्रीय सचिव मेहर चंद ने आरोप लगाया है कि आज तक दशहरा कमेटी हर काम पर्यटन निगम को देती थी. यही नहीं अन्य दिनों में आने वाले वीआईपी की खातिरदारी भी पर्यटन निगम करता था. लेकिन अब कुछ समय से यह परंपरा समाप्त कर दी गई है और चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए प्राइवेट कंपनियों को ठेका दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इससे हिमाचल सरकार को भारी नुकसान हो रहा है और निजी लोगों को लाखों का लाभ दिया जा रहा है. डाबे राम चौहान व मेहर चंद ने बताया कि जो भी वीआईपी कुल्लू दशहरा पर्व में आया उनको खाना, चाय व अन्य व्यंजन परोसने के लिए तो मुफ्त में पर्यटन निगम के कर्मचारी लगाए गए, लेकिन इन कर्मचारियों के हाथ में खाना प्राइवेट कंपनियों का थमाया गया.
सारा ठेका निजी कंपनी को
यही नहीं लालचंद प्रार्थी कलाकेंद्र में वीआईपी को हर दिन की जाने वाली खातिरदारी का ठेका भी निजी कंपनी को ही दिया गया था और पर्यटन निगम के कर्मचारियों को सेवा में मुफ्त में लगाया गया था. जिस कारण हिमाचल पर्यटन निगम को दोहरा नुकसान हुआ है.
उन्होंने बताया कि हमारे होटलों में आ रहे गेस्ट की सेवा करने वाले कर्मचारियों को वीआईपी की सेवा में मुफ्त में लगाया गया. जिस कारण निगम को जहां होटलों में नुकसान होता रहा वहीं, दशहरा कमेटी ने भी उन्हें दरकिनार कर रखा.
हिमाचल पर्यटन निगम के अध्यक्ष डाबे राम चौहान ने कहा कि पर्यटन निगम की इस उपेक्षा को हरगिज सहन नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में हिमाचल पर्यटन निगम को खाना व अन्य व्यंजन वीआईपी को परोसे जाते हैं. लेकिन कुल्लू प्रशासन को पर्यटन निगम का खाना पसंद क्यों नहीं है. उसके पीछे मंशा साफ है कि दशहरा कमेटी अपने चहेती प्राइवेट कंपनियों को फायदा देना चाहती है और अपने स्वार्थ के लिए हिमाचल सरकार को भारी नुकसान पहुंचाना चाहती है.
बैंकेट हॉल को भी निजी हाथों में देने की तैयारी
उन्होंने कहा है कि हाल ही में कुल्लू के होटल सरवरी के बैंकेट हॉल को भी निजी हाथों में देने की तैयारी हो रही है, लेकिन पर्यटन निगम कर्मचारी संघ इसको सहन नहीं करेगा. उन्होंने प्रशासन से सवाल पूछे हैं कि आखिर वीआईपी की खातिरदारी पर्यटन निगम से छीनकर निजी हाथों में क्यों दी जा रही है. संघ के क्षेत्रीय सचिव मेहर चंद ने बताया कि मलाणा तक प्रदेश निगम के कर्मचारियों को सेवा करने के लिए ले जाया गया और खाना प्राइवेट कंपनी का परोसा गया. यही नहीं सैंज प्रोजेक्ट के उद्घाटन के दौरान सीएम के लंच में भी सेवा निगम के कर्मचारियों से करवाई गई और खाना प्राइवेट कंपनी का परोसा गया.