शिमला. मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र अर्की के करीब 2000 परिवार इस बार किसी को भी वोट नहीं देंगे. कांग्रेस और भाजपा दोनों ही सरकारों से नाराज यह लोग इस बार लोकतंत्र के इस महापर्व में आहुति देने को किसी भी हाल में तैयार नहीं हैं.
करीब 18 से 20 गांव के हजारों मतदाता एक सीमेंट कंपनी की मनमानी के कारण फैल रहे प्रदूषण की समस्या और क्षेत्र विकास में सरकारों द्वारा कोई सहयोग न किये जाने से तरह गुस्से में हैं.
राज्य निर्वाचन आयुक्त से मिले, सुनाया अपना फैसला
सीमेंट कंपनी से प्रभावित किसान सभा का एक प्रतिनिधिमंडल आज इस बाबत राज्य निर्वाचन आयुक्त से शिमला में मिला. सभा ने साफ कहा कि इस इलाके की सुध लेने वाला कोई नहीं है. 10 सालों से मामला एनजीटी में लटका है. जो भी किसान आवाज उठता है उस पर झूठे मामले बनाकर उन्हें फंसाया जा रहा है. ऐसे में क्षेत्र के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है.
बीमार हो रहे बच्चे, चौपट हो रही फसल
सभा के लोगों ने कहा कि सरकारों की बेरुखी और सीमेंट कंपनी से इलाके में जानलेवा प्रदूषण फैल रहा है. इससे बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे प्रभावित हैं. खेतों से फसलें चौपट हैं तो घरों में लोग बीमार हैं. लगातार बीमारियां फैलने का खतरा बना है. सभा के प्रतिनिधियों का कहना है कि नेताओं को और जनप्रतिनिधियों को इस सब की पूरी जानकारी है मगर उनके लिए कुछ नहीं किया गया. जब सरकार को उनकी फिक्र नहीं तो फिर वोट देने का क्या औचित्य रह जाता है.
वहीं निर्वाचन आयुक्त पुष्पेंद्र राजपूत ने सभा के लोगों से चुनाव में शामिल होकर मतदान करने की अपील की. साथ ही उन्होंने रिटर्निंग ऑफिसर से इस बाबत रिपोर्ट भी तलब की है.