कांगड़ा (धर्मशाला). हिमाचल विधानसभा चुनाव के कवरेज के सिलसिले में पंचायत टाइम्स की टीम रविवार की सुबह चंबा जिले से वापस होते हुए कांगड़ा जिले की धर्मशाला विधानसभा पहुंची. यहां से हमारे संवाददाता राजन पांडेय लाइव हुए. उन्होंने बताया कि कांगड़ा की नूरपुर सीट से लाइव होने की शनिवार को योजना थी लेकिन वहां कांग्रेस बनाम भाजपा समर्थकों में फौजदारी होने की वजह से यह संभव नहीं हो सका.
धर्मशाला
धर्मशाला हिमाचल की शीतकालीन राजधानी है यानी यहां विधानसभा का शीतकालीन सत्र होता है. चीन के कब्जे वाली तिब्बत की सरकार यहां से चलती है. दलाई लामा का स्थाई निवास है. प्रदेश में शहरी जनसंख्या बहुत कम है. इसलिये नगरपालिकाओं की संख्या भी बहुत कम है. पहले यहां नगर निगम केवल शिमला में होता था. अब धर्मशाला में भी नगर निगम है. धर्मशाला पिछले कुछ सालों से भाजपा के दबदबे वाली सीट है. भाजपा के किशन कपूर यहां से 4 बार विधायक और मंत्री रहे. पिछली बार के चुनाव में यहां एक बड़ा उलट-फेर हुआ.
पिछला चुनाव
परिसीमन के बाद बैजनाथ की सीट अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित होने के बाद वहां के कांग्रेस प्रत्याशी यहां आ गये और किशन कपूर को उन्होंने हरा दिया. कांग्रेस से मौजूदा विधायक और शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा जो बैजनाथ के एमएलए थे और उनके पिता भी विधायक थे यानी राजनीति उन्हें विरासत में मिली. फिर से चुनावी मैदान में सुधीर शर्मा और भाजपा के किशन कपूर मुकाबले के लिये तैयार हैं.
राजन के साथ भाजपा प्रत्याशी किशन कपूर जो पहले धर्मशाला के विधायक-पूर्व मंत्री रह चुके हैं, वह लाइव हुए.
कांगड़ा में पिछले चुनाव में भाजपा को मात्र 3 सीट मिली थीं इसकी वजह पूछने पर वह कहते हैं कि चुनाव में जीत-हार की वजह कोई नहीं होती. कभी-कभी कोई इश्यू क्लिक कर जाता है. पिछली बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया जो यहां के युवाओं को भा गया. हिमाचल में युवाओं की संख्या ज्यादा है. इसलिये कांग्रेस जीत गयी. लेकिन कांग्रेस ने नौजवानों के साथ धोखा किया और कोई चुनावी भत्ता नहीं दिया. कांग्रेस ने पिछले 5 सालों में मात्र 5 प्रतिशत काम किये हैं.
लोकतांत्रिक नहीं हैं वीरभद्र
वीरभद्र की दिक्कत यह है कि वह लोकतांत्रिक नहीं हैं, तानाशाह हैं और खुद को यहां का राजा मानते हैं. उन्होने भाजपा अध्यक्ष सत्ती को कहा कि यह तो गद्दी समुदाय से आते हैं यानी जैसे हमारा समुदाय कोई कीड़े-मकोड़ों का समुदाय हो. गद्दी समुदाय के लोग चंबा के 5 विधानसभाओं में, कांगड़ा के 13, मंडी के 1 और शिमाल में भी कार्यरत और सेवानिवृत कर्मचारी 2000 के करीब हैं. हिमाचल में जीत-हार 1 वोट से भी होती है. वीरभद्र का गद्दी समुदाय पर किया गया कमेंट और प्रदर्शनकारियों के ऊपर किया गया लाठीचार्ज उनके खिलाफ लहर लाएगा.
‘मेरे समय धर्मशाला सबसे साफ था’
बड़े शहरों में कूड़े-कचरे निबटान का समस्या बड़ी समस्या है उसके समाधान के लिये ग्रीन हिमाचल के लिये मैने काफी काम किये थे. मैने लैट्रिन तक साफ की है. धर्मशाला को उस समय सबसे साफ शहर का दर्जा मिला था. यहां पर गोर भ्रष्टाचार हुआ है. शांता का इलाका होने की वजह से कहीं धर्मशाला को नुकसान न झेलना पड़े. इस बाबत वह कहते हैं कि भाजपा एकजुट है और इसके मुकाबले कांग्रेस का कुनबा बिखरा हुआ है.