शिमला. ‘अपने-अपने गम में तो सबके दिल धड़का करते हैं, हम तो उसको दिल समझें जो तड़पे पीर पराई में…’. परोपकार के नाम जिंदगी लिख देने वाले कुछ ही लोग हैं जो बिना किसी प्रचार या पुरस्कार की चाहत के, चुपचाप अपना काम करते रहे हैं.
ऐसे ही हैं सर्वजीत सिंह जिन्होंने गरीब और लाचार लोगों के लिए अनूठे अंदाज में रोटी का जुगाड़ किया है… रोटी बैंक खोलकर.
आम लोग अक्सर बात करते हैं कि जो मर्जी सरकार आ जाए हमे क्या देगी. ‘दो वक़्त की रोटी तो खुद ही कमानी पड़ेगी.’ एक नेता पैसों के बैंक का उदघाटन तो कर सकता है. मगर रोटी बैंक खोल कर मिसाल कायम करना उसके वश में नहीं. जरूरी नहीं कि समाज सेवा के लिए नेता ही बनना हो, यह काम एक आम इंसान के नेक नियत और समाज सेवा के जज़्बे से भी किया जा सकता है. कहां से मिली ऐसी समाज सेवा की प्रेरणा. प्रस्तुत है ब्यरो प्रमुख सीमा शर्मा की अलमाइटी ब्लेसिंग संस्था के अध्यक्ष सर्वजीत सिंह ‘बॉबी’ से खास बातचीत.