केंद्र सरकार ने 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को सौगात देते हुए बुधवार को सातवें वेतन आयोग के अनुशंसाओं के मुताबिक बढे भत्ते को मंजूरी दे दी है. ये भत्ते एक जुलाई 2017 से लागू होंगे. इससे सरकारी खजाने पर सालाना 30,748 करोड़ बोझ पड़ेगा.
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक ने यह फैसला लिया गया. इस फैसले के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि केंद्रीय कर्मियों के भत्ते में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई. उन्होंने बताया कि वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने में 29,300 करोड़ रुपये सालाना का बोझ पड़ेगा. जबकि लवासा समिति की सिफारिशों के मुताबिक वेतन विसंगति दूर करने में 1,448 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे. इस प्रकार सालाना राजकोष पर 30,748 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
गौरतलब है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिश को लेकर भत्तों में कुछ आपत्ति जताई गई थी. भत्तों सम्बन्धी विसंगतियों को दूर करने के लिए वित्त सचिव अशोक लवासा की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी. इसके बाद लवासा ने कुल 196 संशोधन प्रस्तावित किए थे, जिसे सरकार ने 34 संशोधनों के साथ स्वीकार कर लिया
सातवें वेतन आयोग में सेना का रखा पूरा ख्याल
केंद्र सरकार ने इस बार सैनिकों का पूरा ध्यान रखा है. सरकार ने सियाचिन जैसे अति दुर्गम इलाकों में तैनात जवानों के भतों को दोगुना से बढ़ा दिया है. सियाचिन में तैनात सैनिकों को अब हर महीने बजाय 30 हजार रुपये मिलेंगे. वहीं अधिकारियों को इस मद में ही महीने 21 हजार के रुपये के मुकाबले 42,500 रुपये का भुगतान किया जाएगा. सैनिकों को अब राशन मनी भी नकद में दिया जाएगा.