शिमला. गुड़िया मामले की जांच के लिए सीबीआई ने उच्च न्यायालय से तीन महीने का अतिरिक्त समय मांगा हैं.अब मामले की सुनवाई 28 मार्च को होगी. सीबीआई के अधिवक्ता अंशुल बंसल ने कहा गुड़िया मामले में जल्द ही जांच एजेंसी बड़े खुलासे के साथ सामने आएगी. मामले में सीबीआई के हाथ कुछ पुख्ता सबूत लगे हैं. सीबीआई ने कोर्ट को यह भी कहा कि उन्होंने कोटखाई से बाहर निकल कर प्रदेश से बाहर भी अपनी जांच का दायरा बढ़ाया है और जल्द ही इसमें सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे.
प्रदेश सरकार से जो सहयोग मिलना चाहिए था, जांच में वह नहीं मिल पाया,
पुलिस अधिकारियों ने कोर्ट से शपथपत्र मांगे लेकिन कोर्ट ने रिकार्ड देने से इंकार कर दिया, अब कोर्ट केवल कॉपी देगा. सीबीआई ने कहा है कि पिछले महीनों में प्रदेश सरकार से जो सहयोग मिलना चाहिए था, जांच में वह नहीं मिल पाया, जिसके चलते जांच प्रभावित हुए. यहां तक की उन्हें रहने के लिए जगह और बिजली पानी या इंटरनेट जैसी जरूरी सुविधाएं तक नहीं दी गईं.
प्रदेश में चुनाव के चलते सरकार ने वीवीआईपी के आने के चलते सीबीआई को ये सेवाएं देने में असमर्थता जताई थी.
अब तक एसआइटी असली गुनहगारों का पता नहीं लगा पाई है. पुलिस के माध्यम से पकड़े गए सभी आरोपियों को जांच में क्लीनचिट मिल चुकी है. कोर्ट के आदेश पर ही सीबीआई ने पिछले साल दिल्ली में 22 जुलाई को दो अलग-अलग केस दर्ज किए थे.
इसमें से सूरज हत्या की गुत्थी तो सुलझा ली, लेकिन गुड़िया के कातिलों को नहीं पकड़ा जा सका है. सूरज की हत्या के आरोप में पूर्व आइजी जैदी, डीएसपी मनोज जोशी, कोटखाई के पूर्व एसएचओ राजिंद्र सिंह समेत आठ पुलिस कर्मियों के खिलाफ कई धाराओं के तहत कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी. इसी केस के संबंध में शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी भी गिरफ्तार हुए थे, लेकिन अभी उनके खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है.