नई दिल्ली. आधार न होने पर आवश्यक सुविधाएं देने से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसकी जानकारी आधार जारी करने वाले प्राधिकरण UIDAI ने दी है. बयान जारी कर कहा गया है कि आधार ऐक्ट में साफ है कि आधार नंबर नं. होने और बूढ़े होने के कारण बायोमेट्रिक्स न मिलने पर भी सुविधाएं नहीं रोकी जा सकतीं.
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि सरकारी विभागों, मंत्रालयों और राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि किसी असल हकदार का आधार के कारण कोई भी जरूरी काम या फायदा न रोका जाए.
हाल ही में गुरूग्राम में एक सिविल अस्पताल में गर्भवती महिला को इमर्जेंसी वॉर्ड में इसलिए ऐडमिट नहीं किया गया, क्योंकि उनके पास आधार कार्ड नहीं था. जिसके बाद महिला ने अस्पताल के बाहर ही बच्चे को जन्म दिया. यह और बात है कि अस्पताल में भर्ती न करने वाले डॉक्टर और नर्स को बाद में सस्पेंड होना पड़ा.
प्राधिकरण ने कहा कि वह सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को आधार ऐक्ट, 2016 के सेक्शन 7 को लागू करने के लिए पत्र भी भेज रहा है. बताया गया कि सेक्शन 7 में प्रावधान है कि जरूरी सुविधाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है. 24 अक्टूबर, 2017 को जारी सर्कुलर का हवाला देते हुए समझाया गया है कि आधार न होने पर या आधार सत्यापन किसी कारण सफल न होने पर लाभार्थियों को सुविधाएं देने मना नहीं किया जा सकता है.