रांची. विपक्षी दलों ने मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के सेवाकाल को बढ़ाए का विरोध किया है. विरोध कर रही पर्टियों का कहना है कि उनपर कई भ्रष्टाचार के आरोप हैं. सोमवार को राज्यसभा सांसद प्रदीप बालमुचु ने कहा, “मुख्य सचिव गंभीर आरोपों का सामना कर रही हैं. उनपर तीन गंभीर आरोप लगे हैं. उनके सेवाकाल को किसी भी हालत में नहीं बढ़ाया जाना चाहिए.”
राजबाला वर्मा 28 फरवरी को सेवानिवृत हो रही हैं. माना जा रहा है कि रघुवर दास सरकार वर्तमान मुख्य सचिव की सेवानिवृति की तिथि को तीन महीनों के लिए बढ़ा सकती है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने भी मुख्य सचिव को हटाने और उनपर उचित कार्रवाई करने की मांग की है.
जेएमएम के महासचिव ने कहा, ” झारखंड के मुख्य सचिव पर चारा घोटाला मामले में गंभीर आरोप लगे हैं… राज्य और केन्द्र सरकार में… यह कैसी ईमानदारी है.”
सीबीआई ने 2003 के बाद से राजबाला वर्मा को चारा घोटाला मामले में पश्चिमि सिंहभूमि के उपायुक्त(डीसी) रहते हुए उनकी भूमिका को लेकर 17 बार नोटिस भेज चुकी है.
उनपर आरोप है कि राजबाला वर्मा ने कोषागार से करोड़ों रुपए फर्जी तरीके से जारी होने के मामले में “उपायुक्त का धर्म” नहीं निभाया और सीबीआई के नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया.
दिसम्बर 2017 में भ्रष्टाचार के मामले मीडिया में आने के बाद विपक्षी पार्टियां मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के इस्तीफे की मांग कर रही हैं.