राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने देर शाम नई दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भेंट कर प्रदेश विशेषकर ग्रामीण स्तर तक गुणात्मक शिक्षा के विस्तार के लिए सहयोग का आग्रह किया.
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है और साक्षरता के मामले में प्रदेश देश में अग्रणी है. राज्य में अब गुणात्मक शिक्षा की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने केंद्रीय मंत्री से विद्यालय स्तर पर शिक्षा को मानव जीवन से जोड़कर संस्कारवान शिक्षा प्रदान करने की बात कही.
उन्होंने कहा कि शिक्षा की उपलब्धियों को क्षमता के मानक के रूप में निरूपित कर हर स्तर पर प्राप्त किया जाना चाहिए. इससे शिक्षा से जुड़े सभी पक्ष जैसे शिक्षक, माता-पिता और छात्र में जवाबदेही आएगी.
उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली में नवाचार, अध्यापन, शिक्षण और गुणवत्ता में सुधार के लिए व्यापक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने राज्य में केंद्रीय विद्यालय व नवोदय विद्यालयों के विस्तार का आग्रह भी किया.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए अनेक प्रभावशाली क़दम उठाए जा रहे हैं. शिक्षण में सुधार के लिए शिक्षण मंथन से लेकर प्रतिष्ठित संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
आईआईटी, एआईआईटी, आईआईएम और विश्वविद्यालयों में स्टार्ट-अप को गति प्रदान की गई है. उन्होंने हिमाचल में गुणात्मक शिक्षा की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में सहयोग का आश्वासन दिया.