आज जब केन्द्र और राज्य की सरकारें ‘खुले में शौच’ को लेकर सोच में पड़े हैं. हिमाचल प्रदेश तय तारीख से पांच महीने पहले ही खुले में शौच से मुक्त राज्य बनने में कामयाब हो गया. 28 अक्टूबर 2016 को इसकी घोषणा करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री ने इस सफलता के लिए जिला प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं के बेहतर काम का नतीजा बताया. लोगों की भागीदारी को देखते हुए केन्द्रीय मंत्री तोमर साहब ने इस सफलता को जनआंदोलन का नतीजा करार दिया. केन्द्र के स्वच्छ भारत अभियान को जनता ने हाथों-हाथ लिया और हिमाचल के 14 लाख 83 हजार 562 घरों में शौचालय बनकर तैयार हो गये हैं.
वैसे तो हिमाचल प्रदेश देश का दूसरा राज्य है जो पूरी तरह से खुले में शौच की आदतों से आजाद है. लेकिन बड़े राज्यों की बात करें तो पहला ‘खुले में शौच से मुक्त’ राज्य बनने का गौरव हिमाचल को जाता है. सबसे पहले सिक्किम ने इस लक्ष्य को प्राप्त किया था, जो आकार में हिमाचल से कई गुणा छोटा है. हिमाचल के बाद केरला तीसरा राज्य बना. चौथा और पांचवा नंबर हरियााणा और उत्तराखंड का आता है. अब तक, 28 राज्यों में सिर्फ पांच राज्य ही पूरी तरह स्वच्छ भारत अभियान के लक्ष्य को पा सके हैं. अगर गांव की बात करें तो देश के 6,40,000 गांवों में से दो लाख गांवों में ही सबके घरों में शौचालय बन पाये हैं.
स्वच्छ भारत बनाने के लिए पीएम मोदी का धांसू अभियान अब भी अपने लक्ष्य से काफी दूर दिख रहा है. हिमाचल के अनुभव दूसरे राज्यों में भी स्वच्छ भारत अभियान को सफल बना सकते हैं.
हिमाचल प्रदेश के बारे में ऐसी #Amazing बातें जानें, जिसपर हिमाचल की जनता को गर्व होना स्वाभाविक है.