नई दिल्ली: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) की जगह विकसित भारत – रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक 2025 लाए जाने पर मंगलवार को लोकसभा में जोरदार बहस देखने को मिली। विपक्ष ने सरकार के इस कदम का कड़ा विरोध किया, जिसकी अगुवाई कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने की।
प्रियंका गांधी ने सरकार पर योजनाओं के नाम बदलने को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि वह सरकार के इस “ऑब्सेशन” को समझने में असमर्थ हैं। केरल के वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने मांग की कि इस विधेयक को विस्तृत जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह विधेयक संविधान की भावना के खिलाफ है।
प्रियंका गांधी ने कहा,
“इतने वर्षों से आप MGNREGA का बजट लगातार कम कर रहे हैं। जहां भी जाइए, मजदूर यही कहते हैं कि पैसा नहीं आया। अब ग्राम पंचायतों से यह अधिकार छीना जा रहा है कि वे तय करें कि फंड कहां लगे और काम कैसे हो। हर दृष्टि से हमें यह बिल गलत लगता है।”
शिवराज चौहान का पलटवार
विधेयक पेश करने वाले केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रियंका गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार न सिर्फ महात्मा गांधी में विश्वास रखती है, बल्कि उनके सिद्धांतों का पालन भी करती है। उन्होंने कहा कि यह कानून देश के गांवों के समग्र विकास में मदद करेगा।
शिवराज चौहान ने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा,
“हम महात्मा गांधी के सपनों को साकार करेंगे और उनके द्वारा कल्पित राम राज्य की स्थापना करेंगे।”
क्या है VB-G RAM G Bill 2025?
इस विधेयक के तहत हर ग्रामीण परिवार को, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल श्रम कार्य करने के लिए स्वेच्छा से आगे आते हैं, हर वित्तीय वर्ष में 125 दिन का वैधानिक मजदूरी रोजगार देने की गारंटी दी जाएगी। कानून लागू होने के छह महीने के भीतर राज्यों को इसके अनुरूप अपनी योजनाएं बनानी होंगी।
केंद्र-राज्य के बीच खर्च का बंटवारा
विधेयक के अनुसार वित्तीय जिम्मेदारी केंद्र और राज्यों के बीच साझा होगी—
पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए: 90:10
अन्य राज्यों और विधायिका वाले केंद्र शासित प्रदेशों के लिए: 60:40
बिना विधायिका वाले केंद्र शासित प्रदेशों के लिए: पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी
MGNREGA की जगह लाए गए इस नए विधेयक को लेकर संसद में सियासी टकराव तेज हो गया है और आने वाले दिनों में इस पर बहस और गहराने की संभावना है।
