नई दिल्ली. देशभर के Gig Workers यूनियनों ने 10 मिनट डिलीवरी विकल्प को हटाने और पहले वाले भुगतान संरचना को बहाल करने की मांग के साथ बुधवार को राष्ट्रीय हड़ताल की घोषणा की है। Telangana Gig and Platform Workers Union के अध्यक्ष शैख सालाउद्दीन का कहना है कि वर्तमान तेज डिलीवरी मॉडल कर्मचारियों पर असुरक्षित दबाव डाल रहा है और उनकी आय को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। उनका कहना है कि हजारों कर्मचारी हड़ताल में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे उच्चतम व्यस्त घंटों में डिलीवरी सेवाओं में रुकावट आ सकती है।
हड़ताल पहले से शुरू
यूनियन ने बताया कि हड़ताल पहले ही चरणों में शुरू हो चुकी है। शैख सालाउद्दीन ने कहा कि 25 दिसंबर को लगभग 40,000 कर्मचारियों ने प्रदर्शन में भाग लिया, जिसके कारण 50 से 60 प्रतिशत ऑर्डर में देरी हुई। उन्होंने चेतावनी दी कि “25 दिसंबर सिर्फ ट्रेलर था, असली तस्वीर 31 दिसंबर को देखने को मिलेगी।”
Gig Workers क्यों हैं हड़ताल पर
हड़ताल का आयोजन Indian Federation of App-Based Transport Workers के तहत किया जा रहा है, जो Swiggy, Zomato, Zepto और Amazon जैसी कंपनियों के डिलीवरी और ड्राइवर कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है। यूनियन ने पांच प्रमुख मांगें प्लेटफॉर्म कंपनियों के सामने रखीं, जिनमें पुराने भुगतान ढांचे की बहाली सबसे महत्वपूर्ण है। उनका कहना है कि त्योहारों जैसे दशहरा, दिवाली और ईद पर कर्मचारियों को उचित भुगतान मिलता था, और वे चाहते हैं कि यह नियमित रूप से लागू हो।
एल्गोरिद्म आधारित प्रबंधन पर आरोप
यूनियन नेता ने एल्गोरिद्म पर आधारित प्रबंधन प्रणाली की पारदर्शिता की कमी की आलोचना की। उनका कहना है कि कर्मचारियों को प्रोत्साहन सही तरीके से नहीं मिल रहे और आय की गणना में पारदर्शिता नहीं है। साथ ही, उन्होंने उचित शिकायत निवारण प्रणाली और सामाजिक सुरक्षा लाभ की भी मांग की।
कंपनियों द्वारा दबाव डालने के आरोप
शैख सालाउद्दीन ने कहा कि इस आंदोलन का समर्थन देशभर में 1,50,000 से अधिक कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है, और प्लेटफॉर्म कंपनियां प्रदर्शनकारियों को डराने का प्रयास कर रही हैं। उनके अनुसार, “कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है। वेयरहाउस के पास सुरक्षा कर्मी तैनात किए जा रहे हैं और टीम लीडर और एरिया मैनेजर के जरिए आईडी ब्लॉक की जा रही हैं। यह दबाव काम नहीं करेगा।”
उपभोक्ताओं के लिए क्या मायने रखता है?
Gig Workers की हड़ताल का असर सीधे तौर पर उपभोक्ताओं पर पड़ सकता है, खासकर उन लोगों पर जो ऐप आधारित डिलीवरी सेवाओं पर निर्भर हैं। संभावित प्रभाव इस प्रकार हैं:
भोजन और किराना डिलीवरी में देरी।
Swiggy, Zomato, Blinkit, Zepto और Amazon जैसी सेवाओं में डिलीवरी पार्टनर की कमी, विशेषकर लंच और डिनर पीक घंटे में।
कम डिलीवरी पार्टनर के कारण उपलब्ध स्लॉट कम या अनुमानित डिलीवरी समय बढ़ सकता है।
मांग को कम कर्मचारियों के साथ पूरा करने के लिए प्लेटफॉर्म फीस या सरज शुल्क बढ़ सकते हैं।
वर्षांत में बढ़ती डिमांड के दौरान उपभोक्ताओं की खरीदारी और घर के प्लान प्रभावित हो सकते हैं।
ऐसे क्षेत्र जहां ऐप आधारित सेवाएं प्राथमिक स्रोत हैं, वहां किराना और जरूरी सामान की डिलीवरी सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकती है।
यह हड़ताल नए साल की पूर्व संध्या पर होने वाली है, जिससे देशभर में उपभोक्ताओं को डिलीवरी सेवाओं में संभावित रुकावट का सामना करना पड़ सकता है।
