नई दिल्ली. देशभर में आपदा जोखिम न्यूनीकरण (Disaster Risk Reduction – DRR) को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। पंचायती राज मंत्रालय (MoPR) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) द्वारा संयुक्त रूप से ‘नेशनल प्रोजेक्ट फॉर स्ट्रेंथनिंग कम्युनिटी-बेस्ड डिजास्टर रिस्क रिडक्शन इनिशिएटिव्स’ को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना पर ₹507.37 करोड़ का परिव्यय होगा और इसे देश के 20 राज्यों के 81 आपदा-प्रवण जिलों में लागू किया जाएगा।
20 ग्राम पंचायतों को शामिल किया जाएगा
इस राष्ट्रीय परियोजना के तहत प्रत्येक जिले में 20 ग्राम पंचायतों को शामिल किया जाएगा, वहीं 20 राज्यों में 20 मॉडल ग्राम पंचायतें विकसित की जाएंगी। ये मॉडल पंचायतें बाढ़, भूस्खलन, चक्रवात, सूखा, भूकंप और तटीय कटाव जैसे प्रमुख खतरों के लिए स्थायी आपदा न्यूनीकरण उपायों का प्रदर्शन करेंगी। इन पंचायतों को क्लस्टर में विकसित किया जाएगा, ताकि स्थानीय स्तर पर आपदा-रोधी उपायों का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे सके।
परियोजना का मुख्य उद्देश्य नीचे से ऊपर (bottom-up approach) की रणनीति के जरिए आपदा प्रबंधन को स्थानीय शासन से जोड़ना है। इसमें पंचायती राज संस्थानों को आपदा तैयारी, शमन और लचीलापन (resilience) की रीढ़ के रूप में स्थापित किया जाएगा। साथ ही, State Disaster Management Authorities (SDMA), District Disaster Management Authorities (DDMA), निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और पंचायत कर्मियों के लिए व्यापक capacity building और IEC (Information, Education and Communication) गतिविधियां चलाई जाएंगी।
ग्राम पंचायत और गांव स्तर पर आपदा प्रबंधन योजनाएं तैयार
पंचायती राज मंत्रालय अपनी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे eGramSwaraj और Gram Manchitra के माध्यम से आपदा प्रबंधन योजनाओं को विकास योजनाओं से जोड़ने, खर्च की निगरानी और रियल-टाइम जानकारी के प्रसार का काम करेगा। मॉडल ग्राम पंचायतों से प्राप्त अनुभवों को राज्य सरकारें अपने State Disaster Mitigation Fund (SDMF) के जरिए अन्य पंचायतों में दोहराने में सक्षम होंगी।
यह परियोजना 17 मार्च 2022 को जारी MoPR Disaster Management Plan (DMP–MoPR) की दिशा में एक अहम कदम है, जिसका लक्ष्य ग्राम पंचायत और गांव स्तर पर आपदा प्रबंधन योजनाएं तैयार कर उन्हें Gram Panchayat Development Plan (GPDP) से जोड़ना है। केंद्र और राज्यों के समन्वय से यह पहल एक आपदा-रोधी, सुरक्षित और सशक्त ग्रामीण भारत की नींव रखेगी, जहां स्थानीय संस्थाएं और जागरूक समुदाय मिलकर जीवन, आजीविका और बुनियादी ढांचे की रक्षा करेंगे।
