नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने सोमवार को चुनाव आयोग (Election Commission of India – ECI) को निर्देश दिया कि बिहार में होने वाले चुनावों से पहले चल रहे Special Intensive Revision (SIR) अभियान के दौरान आधार कार्ड (Aadhaar Card) को मतदाता पहचान स्थापित करने के लिए 12वें अनुमोदित दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार किया जाए। हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण (Proof of Citizenship) नहीं माना जाएगा।
न्यायमूर्ति सूर्या कांत (Justice Surya Kant) और जॉयमाल्या बागची (Justice Joymalya Bagchi) की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि आयोग आधार कार्ड की सत्यता और प्रामाणिकता (Authenticity & Genuineness) की जांच कर सकता है ताकि फर्जी दस्तावेज़ों से बचा जा सके। कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी भी स्थिति में चुनावी सूची में अवैध प्रवासियों (Illegal Immigrants) को शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने कहा, “Aadhaar card shall be accepted… for purpose of inclusion or exclusion in revised list… Aadhaar card shall be treated as 12th document.” साथ ही स्पष्ट किया गया कि आधार कार्ड की जांच आवश्यक होगी और यह नागरिकता का प्रमाण नहीं है। चुनाव आयोग को इसी आधार पर दिशा-निर्देश (Instructions) जारी करने का आदेश दिया गया।
EC से मांगा स्पष्टीकरण
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से उन अधिकारियों को दिए गए शो-कॉज़ नोटिस (Show-Cause Notice) पर भी जवाब मांगा, जिन्होंने आधार कार्ड स्वीकार नहीं किए। आयोग की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी (Rakesh Dwivedi) ने कहा कि किसी भी मतदाता को आधार जमा करने से नहीं रोका गया है। उन्होंने कोर्ट से कहा, “अगर कहीं कोई गलती हुई है तो हम इसकी जांच करेंगे।”
दावा-आपत्ति की प्रक्रिया और समय सीमा
चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि प्रारूप मतदाता सूची (Draft Electoral Roll) में दावा (Claims), आपत्तियां (Objections) और सुधार (Corrections) 1 सितंबर के बाद भी दाखिल किए जा सकते हैं, लेकिन ये अंतिम मतदाता सूची (Final Electoral Roll) प्रकाशित होने के बाद ही विचाराधीन होंगे। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में नामांकन की अंतिम तिथि तक दावा और आपत्ति स्वीकार की जाएगी।
अब तक की स्थिति
सुप्रीम कोर्ट के 22 अगस्त के आदेश के बाद 30 अगस्त तक कुल 22,723 दावों के लिए आवेदन दाखिल हुए, जबकि 1,34,738 आपत्तियां सूची से नाम हटाने के लिए दी गईं। बिहार SIR कार्यक्रम के तहत 24 जून की घोषणा में दावा-आपत्ति दाखिल करने की अंतिम तारीख 1 सितंबर निर्धारित थी, जबकि अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी।