[vc_row full_width=”stretch_row” css=”.vc_custom_1504439212627{margin-top: -50px !important;padding-top: 100px !important;padding-bottom: 70px !important;background: #dd9933 url(https://www.panchayattimes.com/wp-content/uploads/2017/06/2767819c2f17cafab03fbb84031e72f5.jpg?id=12482) !important;background-position: center !important;background-repeat: no-repeat !important;background-size: cover !important;}”][vc_column][vc_custom_heading source=”post_title” font_container=”tag:h2|text_align:left|color:%23ffffff” google_fonts=”font_family:Hanuman%3Aregular%2C700|font_style:400%20regular%3A400%3Anormal” css=”.vc_custom_1504439341311{padding-top: 90px !important;padding-bottom: 0px !important;}”][/vc_column][/vc_row][vc_row full_width=”stretch_row” css=”.vc_custom_1504441319741{background-image: url(https://www.panchayattimes.com/wp-content/uploads/2017/06/Amazing-painting-art-of-village.jpg?id=12494) !important;background-position: center !important;background-repeat: no-repeat !important;background-size: cover !important;}”][vc_column width=”3/4″ css=”.vc_custom_1504441441811{padding-top: 20px !important;padding-right: 20px !important;padding-bottom: 20px !important;padding-left: 20px !important;background-position: 0 0 !important;background-repeat: no-repeat !important;}”][vc_row_inner css=”.vc_custom_1504442310807{margin-top: 10px !important;padding-top: 30px !important;padding-bottom: 0px !important;background-image: url(https://www.panchayattimes.com/wp-content/uploads/2017/06/header-bg.png?id=12511) !important;}”][vc_column_inner][vc_column_text]
[/vc_column_text][/vc_column_inner][/vc_row_inner][vc_column_text css=”.vc_custom_1504507710791{padding-top: 20px !important;padding-right: 10px !important;padding-bottom: 20px !important;padding-left: 10px !important;background-color: rgba(255,255,255,0.83) !important;background-position: center !important;background-repeat: no-repeat !important;background-size: contain !important;*background-color: rgb(255,255,255) !important;}”]गांधी जी का कथन है “देश की आत्मा गांवों में बसती है।” देश की ‘आत्मा’ पर अनगिनत घाव हैं। गांव से पलायन बढ़ रहा है। पहाड़ी राज्यों के कई गांव उजड़ चुके हैं। गांव की रमणीयता खो रही है। वहां की लोक संस्कृति, लोक कला और बोलियां विलुप्त हो रहे हैं। शहर में भीड़ है। उस भीड़ में हर रोज एक गांव शामिल हो रहा है।
ग्रामीण भारत ‘मेनस्ट्रीम मीडिया’ में बहुत कम जगह पाता है।
Panchayattimes.com का प्रयास इसी कमी को पूरा करना है। यह ऑनलाइन न्यूज प्लेटफार्म ग्रामीण भारत के लिए समर्पित है। हम गांव की हर खबर को कवर करना चाहते हैं। हम पंचायत स्तर की समस्या और जरूरत पर फोकस कर रहे हैं।
हम ग्रामीण भारत के युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और कैरियर से जुड़ी खबरों को आपके बीच लाएंगे। किसानों के लिए खेती के नए व परंपरागत तकनीकों से अवगत कराएंगे।
हम ग्रामीण भारत के लोककथा, लोकगीत, लोकसंगीत और धरोहरों का संरक्षण व संवर्धन चाहते हैं। हमारी खबरें ग्रामीण भारत की जरूरतों को पूरा करने के साथ महानगर में बसने वाले उन लोगों के लिए भी है, जिनका दिल अब भी गांव के लिए धड़कता है।
हम गांधी के स्वराज की कल्पना करते हैं। गांधी जिन्होंने कहा था “भारत की आत्मा गांवों में बसती है।“[/vc_column_text][/vc_column][vc_column width=”1/4″ css=”.vc_custom_1504443812651{padding-top: 50px !important;}”][vc_single_image image=”11038″ img_size=”full” alignment=”center”][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column width=”2/3″][vc_custom_heading text=”डेस्क टीम ” use_theme_fonts=”yes”][vc_tta_accordion style=”flat” color=”chino” spacing=”20″ gap=”20″ c_icon=”triangle” active_section=”1″][vc_tta_section title=”कुमार गौरव, सहायक संपादक, पंचायत टाइम्स डेस्क ” tab_id=”1504441801853-bb17a458-2f08″][vc_column_text]भारतीय जनसंचार संस्थान से पत्रकारिता में डिप्लोमा और अंग्रेजी साहित्य से स्नातक किया है. गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में मास्टर्स पूरा किया। 2014-2016 तक गांधी फैलोशिप पर सूरत में काम किया. राजनीति-कला-साहित्य में गहरी रुचि है। पत्रकारिता ही इकलौता काम है जिसे मैं दिल लगा कर करता हूं और पूरा दिन इसी एक काम जाता है।[/vc_column_text][/vc_tta_section][vc_tta_section title=”कफ़ील अहमद फ़ारूकी, सब एडिटर, पंचायत टाइम्स डेस्क ” tab_id=”1504441691463-1a3c834f-b65f”][vc_column_text]
“फरिश्तों से भी अच्छा मैं बुरा होने से पहले था, वो मुझसे इन्तेहाई ख़ुश खफ़ा होने से पहले था”
अनवर शऊर के लफ्जों में तो मेरा यही परिचय होगा बाकी मैने पत्रकारिता में मास्टर्स किया है और रुझान खेल पत्रकारिता में है. मेरा ख्वाब सियासी मसलों पर काबिलियत कमाने का है. पत्रकारिता से इतर बात करूं तो शेर-ओ-शायरी मेरे सुकून का साहिल है इसलिये खाली वक्त में अक्सर कविता और शायरी में ही हाथ आज़माता हूं।[/vc_column_text][/vc_tta_section][vc_tta_section title=”कोमल मिश्रा, सब एडिटर, पंचायत टाइम्स डेस्क ” tab_id=”1504441751584-4c276745-cf53″][vc_column_text]मैने पटना वीमेंस कॉलेज से पत्रकारिता सीखी। अब पत्रकारिता में डेस्क की जिम्मेदारियां समझ रही हूं। रिपोर्टर के पास से कॉपी जब डेस्क पर आती है तो उसे पढ़ने लायक मैं बनाती हूं। काम से प्यार है और समय की पाबंद हूं। पढ़ती थोड़ा हूं पर जानने की ख्वाहिशें बहुतेरी हैं।[/vc_column_text][/vc_tta_section][vc_tta_section title=”अश्वनी कुमार निगम, एसोसिएट एडिटर, पंचायत टाइम्स” tab_id=”1511599139575-376f8f7e-493d”][vc_column_text]मैं भारतीय जन संचार संस्थान यानि इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मास कम्यूनिकेशन (i.i.m.c.) नई दिल्ली से पीजी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म (हिन्दी) का कोर्स साल 2004-5 बैच में किया हूं, आईआईएमसी से पीजी करने के बाद मैंने हिन्दुस्तान (ht media group) नई दिल्ली में ट्रेनी रिपोर्टर के रूप में अपने पत्रकारिता करियर की शुरूआत की इसके बाद झारखंड की राजधानी रांची और बिहार के भागलपुर शहर में आईनेक्स्ट, प्रभात खबर और लखनऊ से प्रकाशित होने वाले गांव कनेक्शन अखबार में सीनियर रिपोर्टर के रूप में कृषि व्यापार और राजनीतिक खबरों को कवर करता रहा हूं. अभी तक मैंने दो लोकसभा चुनाव, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के विधानसभा चुनाव समेत कई पंचायत और स्थानीय निकाय के चुनाव को देश के अलग- अलग प्रदेशों में जाकर कवर किया हूं. मेरी कोशिश होती है कि ग्रामीण भारत की उन खबरों को सामने लाना जिसको आम तौर पर तथाकथित मुख्यधारा का मीडिया अपने यहां जगह नहीं देता है.[/vc_column_text][/vc_tta_section][vc_tta_section title=”सुभाष पोद्दार, सब एडिटर, पंचायत टाइम्स डेस्क ” tab_id=”1519724621061-dcf8c0c0-e18c”][vc_column_text]मैं भारी-भरकम शब्दों से दूर रहता हूं. मेरी कोशिश रहती है कि कुछ ऐसा लिखा जाए कि मेरे दिल की बात आपके दिल तक सीधे पहुंच जाए. मेरे लिखने का बस एक ही नियम है कि कोई नियम नहीं है. जहां तक पढ़ाई की बात है तो मैने 5 साल पत्रकारिता और जनसंचार की पढ़ाई की है. 3 साल डॉ. भीमराव अम्बेडकर कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) में बिताए, वहीं गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय (दूरस्थ शिक्षा) से मास्टर्स डिग्री ली. हां एक और बात, लेखनी में विषय को बदलता रहता हूं. मुझे एक ही ढांचे में ढल के रहने में परेशानी होती है.[/vc_column_text][/vc_tta_section][/vc_tta_accordion][/vc_column][vc_column width=”1/3″ css=”.vc_custom_1504443829549{padding-top: 50px !important;}”][vc_column_text]हमारे साथ विज्ञापन
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