कांगड़ा(इंदौरा). सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे शराब के ठेकों और अहातों को पूरी तरह बंद करने के आदेश है. जबकि सुप्रीम कोर्ट का यह भी आदेश है कि राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे कोई भी शराब पिलाने का कारोबार नही कर सकता. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शराब के ठेके तो रोड से 500 से 250 मीटर दूर चले गए है. लेकिन उनके चले जाने से रोड के किनारे खुले हुए ढाबा के मालिको की चांदी हो गई है.
ये लोग प्रशासन की परवाह न करते हुए सरेयाम अपने ढाबों में शराब पिलाने का नाजायज कारोबार कर रहे है. यहाँ तक के ग्राहकों द्वारा शराब मांगे जाने पर शराब भी अपनी ओर से ही मुहैया करवा दी जाती है. शराब मांगे जाने पर आसानी से शराब मिल जाती है.
राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित गाँव तोकी में आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा स्थापित तोकी बैरियर, छन्नी बेली, डमटाल आदि में रोड के किनारे चल रहे ढाबो पर सामने तो शुद्ध वैष्णो ढाबा लिखा हुआ है, परंतु ढाबों के अंदर ग्राहको को शराब पिलाने का अवैध कारोबार बेख़ौफ़ किया जा रहा है.
शाम ढलते ही इन कस्बों में स्थित ढाबो पर शराब पीने वालों का जमावड़ा देखा जाना एक आम बात हो गई है. यही नहीं तोकी बैरियर के साथ बनाए गए अहातों में सरेआम अहातों के बाहर बैठकर ताश खेलने वालों का जमाबड़ा सुबह से शाम ढलने तक देखा जा सकता है.
बेसमेंट में चलती है शराब
कई ढाबा मालिकों ने ढाबों के अंदर बेसमेंट बनाया है और बेसमेंट में एसी लगाकर ग्राहकों को बिठाकर इस नाजायज कारोबार को अंजाम दे रहे हैं. इतना ही नही एक्साइज बैरियर तोकी के इर्द गिर्द सरेआम रोड के किनारे ढाबे और अहाते खुले है, वहां पर कभी भी शराबियों का जमावड़ा देखा जा सकता है. यह कारोबारी बैरियर पर तैनात पुलिस के कर्मचारियों और अधिकारियों की भी परवाह नही करते है और इस कारोबार को अधिक बढ़ा रहे है.
छन्नी बेली, तोकी, डमटाल आदि में हिमाचल पुलिस को 24 घंटे आना जाना रहता है और नशे के तस्करो पर छापेमारी होती रहती है, लेकिन आज तक इस प्रकार के नजायज कारोबार करने वाले ढाबों पर कोई भी करवाई नही हो सकी है. क्षेत्र की जनता ने पुलिस प्रशासन से अपील की है कि इन ढाबों पर चल रहे इस अवैध कारोबार पर अंकुश लगाया जाए.