नई दिल्ली. राजस्थान की बारां ज़िले की अंता विधानसभा सीट पर होने वाला By-Election अब सियासी हलकों में चर्चा का बड़ा विषय बन गया है। यह सीट न सिर्फ़ BJP और Congress के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है, बल्कि यह Hadoti Region के राजनीतिक मूड को समझने का भी संकेत दे सकती है।
इस बार मुकाबला सीधा नहीं, बल्कि तीन-तरफा (triangular contest) बन गया है — जहां एक तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद जैन भाया मैदान में हैं, वहीं भाजपा ने स्थानीय चेहरे मोरपाल सुमन पर दांव लगाया है। इसके अलावा नरेश मीणा नाम के निर्दलीय उम्मीदवार ने इस चुनाव को दिलचस्प बना दिया है।
Anta सीट का इतिहास और समीकरण
साल 2008 में गठित Anta विधानसभा क्षेत्र सामान्य वर्ग की सीट है। तब से अब तक यह सीट चार बार चुनाव देख चुकी है — जिसमें दो बार कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया ने जीत दर्ज की (2008 और 2018), जबकि 2013 और 2023 में सीट BJP के पास गई।
2023 में भाजपा के कंवरलाल मीणा ने यह सीट जीती थी, लेकिन एक 20 साल पुराने मामले में दोषसिद्धि के बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई, जिससे अब यह bypoll आवश्यक हो गया।
BJP का स्थानीय चेहरा और Raje Factor
BJP ने इस बार Baran पंचायत समिति के प्रधान मोरपाल सुमन को टिकट दिया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक़, उनकी छवि साफ-सुथरी है और वे RSS (Rashtriya Swayamsevak Sangh) से भी जुड़े हुए हैं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि सुमन को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) का करीबी माना जाता है, और यह माना जा रहा है कि उनके प्रभाव से ही पार्टी ने उन्हें टिकट दिया।
राजे का परिवार इस क्षेत्र से गहराई से जुड़ा है — उनका बेटा दुष्यंत सिंह, Jhalawar-Baran Lok Sabha seat से सांसद हैं। यही कारण है कि इस चुनाव में Raje Factor की भूमिका अहम मानी जा रही है।
Congress की रणनीति और नरेश मीणा का असर
कांग्रेस ने फिर से अपने पुराने नेता प्रमोद जैन भाया पर भरोसा जताया है, जो इलाके में मजबूत पकड़ रखते हैं। हालांकि, इस बार नरेश मीणा की एंट्री कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन सकती है।
मीणा पहले कांग्रेस से टिकट के दावेदार थे, लेकिन टिकट न मिलने पर उन्होंने निर्दलीय मैदान में उतरने का फैसला किया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मीणा के उतरने से Congress vote bank में सेंध लग सकती है।
स्थानीय आंकड़ों के अनुसार, Anta seat पर करीब 45,000 माली वोटर और 25,000 मीणा वोटर हैं। ऐसे में यदि मीणा वोटों का बंटवारा हुआ, तो BJP को इसका सीधा लाभ मिल सकता है।
BJP की अंदरूनी रणनीति और सियासी संकेत
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा reportedly वसुंधरा राजे के समर्थन से मोरपाल सुमन के नाम पर सहमत हुए।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह Raje की प्रभावशाली वापसी का संकेत हो सकता है, क्योंकि उनके करीबी नेता को टिकट मिला है।
राज्य की राजनीति पर असर
यह राज्य की Bhajan Lal Sharma government के कार्यकाल में आठवां Bypoll है। इससे पहले हुए सात उपचुनावों में BJP को पांच, कांग्रेस को एक और Bharat Adivasi Party को एक सीट मिली थी।
इस लिहाज से, Anta का परिणाम भले ही सरकार की स्थिरता पर असर न डाले, लेकिन राजनीतिक मनोबल (political morale) पर इसका प्रभाव ज़रूर पड़ेगा।
अगर BJP जीतती है, तो यह न सिर्फ़ मुख्यमंत्री शर्मा की स्थिति को मजबूत करेगा बल्कि Hadoti region में पार्टी की पकड़ भी मजबूत करेगा।
वहीं अगर Congress जीतती है, तो यह उसके लिए लगातार हार के सिलसिले के बाद morale booster साबित होगा और वसुंधरा राजे गुट पर भी दबाव बढ़ा सकता है।
Anta bypoll 2025 सिर्फ़ एक विधानसभा सीट का चुनाव नहीं है — यह BJP की आंतरिक शक्ति संतुलन, Congress की संगठनात्मक मजबूती, और Raje Factor की राजनीतिक प्रासंगिकता का भी टेस्ट बन गया है।
