नई दिल्ली. लोकसभा में चल रही Special Intensive Revision (SIR) of Electoral Rolls पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। शाह ने कहा कि विपक्ष महीनों से ‘वोट चोरी’ का आरोप लगा रहा है, इसलिए वे देश को बताना चाहते हैं कि असली वोट चोरी कब और कैसे हुई।
अमित शाह बोले वोट चोरी की तीन बुनियादी स्थितियां
अमित शाह ने सदन को बताया कि वोट चोरी तीन आधारों पर होती है:
अयोग्य व्यक्ति का वोटर लिस्ट में शामिल होना।
ग़लत तरीकों से चुनाव जीतना।
जनता के जनादेश के विपरीत सत्ता हासिल करना।
उन्होंने कहा कि यही परिभाषा स्वतंत्र भारत में तीन बड़े मामलों पर लागू होती है—और ये तीनों कांग्रेस से जुड़े हैं।
- नेहरू बनाम पटेल— प्रथम PM चयन में ‘वोट चोरी’ का दावा
शाह ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री के चयन के दौरान कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्षों ने वोट दिया था।
28 वोट सरदार पटेल को मिले
सिर्फ 2 वोट जवाहरलाल नेहरू को मिले
लेकिन फिर भी नेहरू को प्रधानमंत्री बनाया गया। शाह के इस बयान पर कांग्रेस MPs ने सदन में हंगामा किया।
- इंदिरा गांधी ने खुद को दी ‘कानूनी सुरक्षा’
शाह ने कहा कि दूसरा मामला इंदिरा गांधी से जुड़ा है।
उनके अनुसार, जब अदालत ने इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द किया, तब उन्होंने खुद को कानूनी संरक्षण दे दिया — जिसे शाह ने “वोट चोरी” बताया।
- सोनिया गांधी— नागरिकता से पहले नाम जुड़ने का आरोप
तीसरे मामले का ज़िक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि मामला अब नागरिक अदालतों में है।
उन्होंने सवाल उठाया कि सोनिया गांधी भारतीय नागरिक बनने से पहले वोटर कैसे बनीं, और इसे भी वोट चोरी का उदाहरण बताया।
‘कांग्रेस की हार की वजह नेतृत्व है, न कि EVM’
अमित शाह ने कांग्रेस के नेतृत्व पर भी सीधा हमला बोला।
उन्होंने कहा:
“जब ये चुनाव नहीं जीत पाते, तो चुनाव आयोग, EVM और वोटर लिस्ट को बदनाम करते हैं। हार की असली वजह इनका नेतृत्व है।”
‘SIR पर चर्चा संसद में नहीं हो सकती’ — शाह
अमित शाह ने स्पष्ट किया कि SIR (Special Intensive Revision) चुनाव आयोग का अधिकार क्षेत्र है और इस पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा:
ECI सरकार के अधीन नहीं है
अगर सवाल उठे तो जवाब कौन देगा?
इसलिए सरकार सिर्फ चुनाव सुधारों पर चर्चा को तैयार थी।
‘Detect, Delete, Deport’ — घुसपैठ पर कड़ा रुख
चर्चा के दौरान विपक्ष के वॉकआउट पर शाह ने कहा कि सरकार देश में एक भी घुसपैठिये को वोट नहीं डालने देगी।
शाह ने कहा:
“मैं नेहरू, इंदिरा गांधी और सोनिया जी पर आरोप लगा रहा था, तब ये नहीं चले। घुसपैठियों की बात पर वॉकआउट किया।”
उन्होंने NDA की नीति को दोहराया—
‘Detect, Delete and Deport’
और आरोप लगाया कि कांग्रेस की नीति है—
‘घुसपैठ को सामान्य करना और वोट बैंक में बदलना’
