नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि राजस्थान में नई आपराधिक कानूनों के लागू होने के एक वर्ष के भीतर सज़ा दर 42% से बढ़कर 60% हो गई है। उन्होंने बताया कि ये तीन नए कानून भारत के आपराधिक न्याय प्रणाली में एक बड़ा बदलाव दर्शाते हैं — अब न्याय पर जोर और सज़ा पर कम।
शाह यह बात जयपुर में एक कार्यक्रम में कह रहे थे, जहां उन्होंने नई आपराधिक कानूनों पर राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, 4 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों की आधारशिला रखी और विभिन्न राज्य सरकार परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
उन्होंने कहा कि इन कानूनों को पूरे देश में समान रूप से लागू किया गया है, और गृह मंत्रालय (MHA) राज्यों को उनके क्रियान्वयन और फॉलो-अप में मार्गदर्शन दे रहा है। ब्रिटिश शासन के संरक्षण के लिए बनाए गए पुराने ब्रिटिश कालीन कानूनों को हटाकर “भारतीयों के लिए, भारतीयों द्वारा बने कानून” लागू करना “ऐतिहासिक उपलब्धि” है।
नई कानूनों की मुख्य विशेषताएं
अमित शाह ने बताया कि नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए अलग अध्याय शामिल है। इसके अलावा:
ई-एफआईआर और शून्य एफआईआर (Zero FIR) की सुविधा
जब्ती (Seizures) का अनिवार्य वीडियो रिकॉर्डिंग
सात साल से अधिक सज़ा वाले अपराधों के लिए अनिवार्य फोरेंसिक जांच
शाह ने कहा कि राजस्थान में इन कानूनों के पूरी तरह लागू होने पर सज़ा दर 90% तक पहुंच सकती है।
उन्होंने बताया कि अब लगभग 50% चार्जशीट समय पर दायर की जा रही हैं, जो अगले वर्ष 90% तक बढ़ने की उम्मीद है। इसके लिए नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) की स्थापना की गई है, और भारतभर में संबद्ध कॉलेजों में युवाओं को वैज्ञानिक जांच में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कानूनों के तहत नए अपराध और समय सीमा
अमित शाह ने कहा कि इन कानूनों में पहली बार आतंकवाद, भीड़ हत्या (Mob Lynching), संगठित अपराध और डिजिटल अपराध को परिभाषित किया गया है। साथ ही, 29 से अधिक प्रावधानों में समय सीमा निर्धारित की गई है। उन्होंने इन सुधारों को “21वीं सदी का सबसे बड़ा सुधार” बताते हुए कहा कि भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह लागू होने पर “दुनिया की सबसे आधुनिक प्रणाली” बन जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि लाखों पुलिसकर्मियों, हजारों न्यायिक अधिकारियों, फोरेंसिक अधिकारियों और जेल कर्मचारियों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है।
राजस्थान में विकास परियोजनाएँ और निवेश
राजस्थान के बारे में शाह ने बताया कि पिछले साल के ‘Rising Rajasthan’ MoUs से 3 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएँ पूरी की गईं, जबकि सोमवार को 4 लाख करोड़ रुपये के नए निवेश का शिलान्यास किया गया। 9,315 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएँ भी लॉन्च की गईं।
कॉंग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने स्कूल यूनिफॉर्म वितरण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और इसे भजन लाल शर्मा सरकार के 47,000 छात्रों को 260 करोड़ रुपये सीधे DBT के माध्यम से दिए जाने के साथ तुलना की। उन्होंने बताया कि 5 लाख से अधिक दूध उत्पादकों को 364 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई, और 150 यूनिट मुफ्त बिजली योजना की पंजीकरण प्रक्रिया शुरू की गई। उसी दिन 56 फोरेंसिक साइंस लैब वाहन और कई पुलिस वाहन भी उद्घाटित किए गए।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा, तथा केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन मौजूद थे।
