नई दिल्ली. भाजपा के बड़े नेताओं के साथ बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में पार्टी के संगठनात्मक चुनावों को लेकर दिल्ली में अहम बैठक की। प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष शामिल हुए। संगठनात्मक फेरबदल से आगामी चुनावों से पहले भाजपा की चुनावी रणनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
बैठक में भाजपा अध्यक्ष को लेकर हुई चर्चा
पार्टी सूत्रों के अनुसार, चुनाव के बारे में घोषणा एक सप्ताह के भीतर की जा सकती है। बैठक में राष्ट्रीय नेतृत्व पर विचार-विमर्श के अलावा राज्य स्तर पर संगठनात्मक बदलावों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के लिए नए प्रदेश भाजपा अध्यक्षों के नामों पर चर्चा की गई।
चुनाव प्रक्रिया 20 अप्रैल के बाद कभी भी शुरू होगी
भाजपा अध्यक्ष का चुनाव फरवरी 2025 तक पूरा होना था, लेकिन हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली सहित राज्य चुनावों के कारण इसमें देरी हुई। पार्टी अगले दो से तीन दिनों में करीब आधा दर्जन राज्य इकाई अध्यक्षों की घोषणा कर सकती है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष चुनने की चुनाव प्रक्रिया 20 अप्रैल के बाद कभी भी शुरू हो सकती है।
भाजपा अध्यक्ष का चुनाव जनवरी में होना था। हालांकि, अप्रैल आधा बीत जाने के कारण यह लंबित है। जनवरी 2020 से भाजपा अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे जे.पी. नड्डा का कार्यकाल तीन साल की सीमा से आगे बढ़ा दिया गया था, ताकि अगले नेतृत्व चरण के लिए सुचारू संक्रमण और उचित तैयारी सुनिश्चित की जा सके। ,
तीन साल का होता है राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल
भाजपा संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल आम तौर पर तीन साल का होता है, जिसे पार्टी के भीतर आम सहमति से चुना जाता है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि देरी एक ऐसे नेता के सावधानीपूर्वक चयन के कारण हुई है जो संगठन को और मजबूत कर सके। पार्टी सूत्रों ने कहा कि भाजपा एक युवा संगठनात्मक ढांचे की तलाश कर रही है और इससे पार्टी की भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कुछ मौजूदा महासचिवों को हटाकर उनकी जगह युवा चेहरों को लाया जा सकता है।