मंडी. अपने प्रिय दिवंगत राष्ट्रीय नेताओं को उनकी पुण्यतिथि या जयंती पर याद करना, उनकी प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करना या पुष्पांजलि अर्पित करना जहां रस्मी बन गया है, इसमें भावना कम और दिखावा ज्यादा हो गया है. वहीं, मंडी में एक शख्स ऐसा भी है जो पिछले कई सालों से पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्य तिथि 11 जनवरी और जयंती दो अक्तूबर को निरंतर उपवास रखकर उन्हें दिनभर याद करके सच्चे मन से श्रद्धांजलि देते हैं.
लोक निर्माण विभाग के मध्य जोन मंडी कार्यालय में तैनात मुख्य प्रारूपकार रत्न चंद निर्झर साहित्यकार एवं तबीयत से कवि हैं. उनके मन में स्वर्गीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की छवि इस कदर समाई है कि वह साल में इन दो दिनों में उपवास रखना नहीं भूलते.
बचपन में पढ़ा पाठ दिल में उतर गया
एक विशेष भेंट में 57 वर्षीय रत्न चंद निर्झर ने बताया कि छात्र जीवन में जब उन्होंने लाल बहादुर के बारे में पढ़ा तो वह उनके दिल में उतर गया. इसका इतना अधिक असर उन पर पड़ा कि जब भी उन्हें अपने प्रिय नेता या प्रिय व्यक्ति विषय पर निबंध लिखना होता तो वह लाल बहादुर शास्त्री पर ही निबंध लिखते. उनका कहना है कि ऐसा करके वह शास्त्री जी को सच्चे मन से याद करके उन्हें मन से श्रद्धांजलि देना चाहते हैं. रत्न चंद ने बताया कि वह उन्हें अपना आदर्श मानते हैं और उनकी शिक्षाओं व आह्वान को अपनी दिनचर्या व जीवन की गतिविधियों में अपनाए हुए हैं. यही नहीं पूरे साल में वह और कोई व्रत नहीं रखते सिर्फ इन्हीं दो दिनों को वह व्रत के लिए सबसे श्रेष्ठ व उपयुक्त मानते हैं.