नई दिल्ली. लोकसभा अध्यक्ष Om Birla ने शनिवार को संसद में बढ़ते planned disruptions यानी सुनियोजित गतिरोध पर चिंता जताई। बेंगलुरु में आयोजित 11th Commonwealth Parliamentary Association (CPA) India Regional Conference के समापन सत्र में उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में राजनीतिक दलों और चुने गए प्रतिनिधियों के बीच बातचीत की कमी से सदन में अनावश्यक अवरोध उत्पन्न हो रहे हैं।
संवाद और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की जरूरत
ओम बिरला ने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में legislative disruptions कम हों। उन्होंने सभी सांसदों और विधायकों से आग्रह किया कि वे मीडिया में तथ्यात्मक और सार्थक चर्चाओं को प्राथमिकता दें। इससे सदस्यों के बीच healthy competition और रचनात्मक संवाद का माहौल बनेगा।
उन्होंने सुझाव दिया कि State Legislative Index तैयार किया जाए, जिसके जरिए राज्य विधानसभाओं और परिषदों को उनकी बैठकों की संख्या, productivity, बहस की गुणवत्ता, तकनीकी अपनाने की क्षमता और समितियों की प्रभावशीलता जैसे मापदंडों के आधार पर रैंक किया जाए। इससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और कार्य संस्कृति में सुधार होगा।
राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठने का आह्वान
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि वैचारिक या राजनीतिक मतभेदों के चलते कार्यवाही रोकना लोकतंत्र के लिए हानिकारक है। उन्होंने सभी पीठासीन अधिकारियों से अपील की कि वे सदन की कार्यवाही को निरंतर चालू रखने का संकल्प लें। उन्होंने भारत की प्राचीन लोकतांत्रिक परंपराओं का हवाला देते हुए कहा कि हमारा संविधान और लोकतांत्रिक मूल्य आज वैश्विक स्तर पर मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं।
विकसित भारत 2047 का लक्ष्य
इस अवसर पर पीएम Narendra Modi की Developed India 2047 Vision को दोहराते हुए ओम बिरला ने कहा कि सभी राज्य विधानसभाओं को सकारात्मक और जनहित केंद्रित चर्चा को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने बहसों की अवधि और बैठकों की संख्या बढ़ाने पर बल दिया, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया अधिक प्रभावशाली और सहभागी बन सके।
सम्मेलन का समापन
तीन दिवसीय सम्मेलन का समापन कर्नाटक के राज्यपाल Thawar Chand Gehlot के भाषण के साथ हुआ। बिरला ने कहा कि विधायकों को राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करना चाहिए।