नई दिल्ली. Assam Rajya Sabha Election 2025 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और असम गण परिषद (AGP) ने बिना किसी मतदान के बड़ी जीत दर्ज की है। कणाद पुरकायस्थ (BJP) और बीरेंद्र प्रसाद बैश्य (AGP) को निर्विरोध राज्यसभा सदस्य चुना गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह पुष्टि की कि विपक्षी दलों द्वारा कोई नामांकन दाखिल न किए जाने के चलते यह दोनों नेता बिना किसी मुकाबले संसद के उच्च सदन में पहुंच गए।
विपक्ष ने नहीं दिखाया दम, नामांकन की आखिरी तारीख भी निकल गई
नामांकन की आखिरी तारीख गुरुवार थी, और तब तक किसी भी विपक्षी पार्टी ने राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार खड़ा नहीं किया। इसके चलते Election Commission of India ने दोनों ही एनडीए उम्मीदवारों को निर्विरोध विजयी घोषित कर दिया। चूंकि कोई अन्य प्रत्याशी मैदान में नहीं था, इसलिए चुनाव कराने की आवश्यकता ही नहीं रही,” एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा।
कौन हैं कणाद पुरकायस्थ?
यह कणाद पुरकायस्थ का पहला राज्यसभा कार्यकाल होगा। वे भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कबिंद्र पुरकायस्थ के पुत्र हैं। फिलहाल, कणाद BJP Assam Unit के सचिव के तौर पर कार्य कर रहे हैं। वे सिलचर से आते हैं और युवाओं में एक उभरते हुए नेता के रूप में देखे जाते हैं।
बीरेंद्र प्रसाद बैश्य तीसरी बार राज्यसभा में
AGP नेता बीरेंद्र प्रसाद बैश्य का यह तीसरा कार्यकाल होगा। इससे पहले वे लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। बैश्य असम की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं और कई अहम जिम्मेदारियों को निभा चुके हैं।
असम राज्यसभा सीटों का समीकरण
असम से कुल 7 राज्यसभा सीटें हैं। इनमें से भाजपा के पास 4 सीटें, AGP और UPP(L) के पास एक-एक सीट है। 1 सीट पर एक निर्दलीय सदस्य का कब्जा है। इस बार जिन दो सीटों पर चुनाव हुआ, वे बीरेंद्र प्रसाद बैश्य और भाजपा के रंजन दास के कार्यकाल के समाप्त होने के कारण खाली हुई थीं।
क्यों है यह जीत अहम?
यह निर्विरोध जीत NDA (National Democratic Alliance) के लिए राज्यसभा में ताकत बढ़ाने का संकेत देती है।आने वाले Monsoon और Winter सत्रों में NDA को अपनी नीतियों और विधेयकों को पास कराने में यह समर्थन निर्णायक साबित हो सकता है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विपक्ष की रणनीतिक असफलता को भी दर्शाता है।
Assam Rajya Sabha Elections 2025 में बिना वोटिंग के BJP और AGP की जीत, न केवल राज्य की राजनीति बल्कि राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में भी NDA को मज़बूती देती है। कणाद पुरकायस्थ जैसे युवा नेता का पहली बार उच्च सदन में जाना, भविष्य की नई राजनीतिक दिशा की ओर भी संकेत करता है।