नाहन (सिरमौर). आयुर्वेदिक अस्पतालों से निकलने वाला जैविक कचरा अब खुले में नहीं देखने को नहीं मिलेंगा. दरअसल आयुर्वेदिक विभाग ने पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के साथ मिलकर इस कचरे को सही तरीके से ठिकाने लगाने की योजना बनाई है. ताकि इससे फैलने वाले पर्यावरण प्रदूषण को रोका जा सके.
इसी दिशा में आज नाहन में एक कार्यशाला आयोजित हुई जिसमें आयुर्वेदिक विभाग के फार्मेसिस्ट और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी मौजूद रहे. जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉक्टर के आर मोकटा ने बताया कि कार्यशाला में आयुर्वेद फार्मासिस्ट को जैविक कचरा निष्पादन की विधि समझाई जा रही है ताकि जैविक कचरे से फैलने वाले प्रदूषण को रोका जा सके.