नई दिल्ली. देश में महंगाई की मार झेल रहे लोगों के लिए एक और चिंता की खबर सामने आई है। GST Council की आगामी बैठक जो 20 जून 2025 को आयोजित होगी, उसमें 12% GST slab को हटाने और पैकेज्ड फूड प्रोडक्ट्स पर 5% GST लागू करने के प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है। अगर यह बदलाव मंजूर होता है, तो आटा, दाल, चावल, दही, लस्सी और पनीर जैसे दैनिक उपयोग के सामान और महंगे हो सकते हैं।
पैकेज्ड फूड पर टैक्स: किस पर कितना असर?
सरकार ने पहले ही 25 किलो से कम वजन वाले पैकेज्ड फूड आइटम्स पर 5% GST लागू कर दिया है, जबकि 25 किलो से अधिक वाले या खुले में बिकने वाले सामान इस टैक्स के दायरे से बाहर हैं। ऐसे में अब अगर आप पैक्ड आटा, चावल या दही लेते हैं, तो आपको हर महीने ज्यादा पैसे चुकाने होंगे।
उदाहरण:
अगर 20 किलो आटे की कीमत ₹600 है, तो 5% GST जुड़ने के बाद यह ₹630 में मिलेगा। ऐसे ही चावल, रिफाइंड तेल, मसाले, और डेयरी प्रोडक्ट्स पर खर्च बढ़ेगा। सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार का मासिक खर्च करीब ₹500 तक बढ़ सकता है।
दूध पर नहीं, लेकिन डेयरी प्रोडक्ट्स पर लगेगा GST
भले ही milk (दूध) को GST के दायरे से बाहर रखा गया है, लेकिन उससे बने dairy products जैसे curd (दही), buttermilk (छाछ), paneer (पनीर), milk powder आदि पर 5% टैक्स लागू कर दिया गया है—यदि वे पैकिंग में बेचे जा रहे हों।
12% GST Slab हो सकता है खत्म
सूत्रों के मुताबिक, GST काउंसिल 12% स्लैब को समाप्त करके टैक्स सिस्टम को और सरल बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय 20 जून को होने वाली बैठक में लिया जाएगा। इससे जीएसटी की चार-स्लैब संरचना में बदलाव आ सकता है, जिससे 5%, 18% और 28% स्लैब ही शेष रह सकते हैं।
आपकी जेब पर कैसा पड़ेगा असर?
Monthly grocery budget बढ़ सकता है ₹300–₹500 तक।
पैक्ड आइटम्स पर खर्च बढ़ेगा।
खुला या bulk में खरीदना होगा सस्ता विकल्प।
डेयरी lovers को देना होगा extra GST।
Inflation control पर भी असर दिख सकता है।